मुंबई के पवई इलाके में घटे भयावह “बंधक कांड” ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस केस के आरोपी रोहित आर्य को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया, लेकिन अब इस मामले से जुड़ा एक नया और चौंकाने वाला पहलू सामने आया है। मराठी सिनेमा और टेलीविज़न की लोकप्रिय अभिनेत्री रुचिता जाधव ने सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि उन्हें रोहित आर्य ने एक फिल्म प्रोजेक्ट के लिए संपर्क किया था। उस समय वह व्यक्ति खुद को फिल्ममेकर बताकर पेश कर रहा था और एक कहानी पर सहयोग की बात कर रहा था। रुचिता ने कहा कि फिल्म की कहानी “बंधक स्थिति (Hostage Situation)” पर आधारित थी — और अब जब वही व्यक्ति असली ज़िंदगी में 17 बच्चों को बंधक बनाते हुए पकड़ा गया, तो उन्होंने सन्नाटे में पोस्ट लिखी।
रुचिता के मुताबिक, उन्हें 4 अक्टूबर को “रोहित आर्या” नामक व्यक्ति का संदेश मिला था। वह सोशल मीडिया के जरिए जुड़ना चाहता था और एक छोटे बजट की “सस्पेंस ड्रामा फिल्म” का प्रस्ताव रख रहा था। शुरुआत में अभिनेत्री ने इसे सामान्य ऑफर माना, लेकिन बाद में उसकी बातचीत में कुछ अजीबपन महसूस हुआ — जैसे वह बंधक स्थितियों और मानसिक दबाव वाले दृश्यों को बेहद विस्तार से बताता था। यह सब देखकर रुचिता ने उस व्यक्ति से आगे कोई संपर्क नहीं रखा।
फिल्म की कहानी बनी असली वारदात, जब सिनेमा हकीकत में बदल गया
कुछ ही हफ्तों बाद, पवई में हुई दिल दहला देने वाली घटना ने सबको हिला दिया। आरोपी रोहित आर्य ने 17 मासूम बच्चों को बंधक बना लिया था और घंटों तक पुलिस को उलझाए रखा। जब टीवी पर उसका चेहरा दिखा, तो रुचिता जाधव ने पहचान लिया कि यही वही व्यक्ति था जिसने उन्हें फिल्म के बहाने संपर्क किया था।
अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “जब मैंने टीवी पर उसका चेहरा देखा, मेरे हाथ कांप गए। वह वही व्यक्ति था जिसने मुझे बंधकों पर फिल्म करने की बात कही थी। मुझे लगा शायद वह कहानी लिख रहा है, लेकिन मुझे क्या पता था कि वह किसी साजिश की तैयारी कर रहा था।”
रुचिता के इस बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। हजारों लोगों ने उनकी पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर अभिनेत्री उस वक्त पुलिस को सूचित करतीं तो शायद कुछ सुराग पहले ही मिल जाते। हालांकि, रुचिता ने कहा कि “उस समय ऐसा कुछ शक करने की कोई वजह नहीं थी, क्योंकि वह खुद को बेहद पेशेवर तरीके से प्रस्तुत कर रहा था।”
इस खुलासे के बाद पुलिस सूत्रों ने भी माना है कि आरोपी शायद कई लोगों से फिल्म या वीडियो प्रोजेक्ट के नाम पर संपर्क में था। जांच एजेंसियाँ अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह फिल्म प्रोजेक्ट सिर्फ एक बहाना था या इसके ज़रिए किसी बड़े उद्देश्य को छिपाया जा रहा था।
क्या मनोरंजन की आड़ में चल रही थी साजिश?
पवई के इस बंधक कांड ने सिर्फ सुरक्षा तंत्र को ही नहीं, बल्कि मनोरंजन उद्योग को भी झकझोर कर रख दिया है। यह सवाल अब गंभीर रूप से उठ रहा है कि आखिर कोई व्यक्ति फिल्म के नाम पर इतनी गहराई से लोगों से जुड़कर, इतना भयावह अपराध कैसे कर सकता है?
रुचिता जाधव का बयान इस दिशा में एक अहम सुराग की तरह देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी रोहित आर्य खुद को “इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर” बताता था और कुछ निर्माताओं से फर्जी डॉक्यूमेंट दिखाकर भरोसा जीतने की कोशिश करता था।
अभिनेत्री ने कहा , “आज सोचती हूं तो डर लगता है। अगर मैंने उस वक्त उससे मुलाकात की होती, तो शायद मैं भी किसी खतरे में होती। वह फिल्म की कहानी को इतनी गंभीरता से बता रहा था, मानो उसे जी चुका हो।”
इस घटना के बाद कई कलाकारों और मॉडल्स ने भी सोशल मीडिया पर चेतावनी दी है कि “किसी भी नए प्रोजेक्ट या फिल्म ऑफर से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें।”
मुंबई पुलिस ने भी बयान जारी कर कहा है कि इस केस में ऐसे लोगों के चैट रिकॉर्ड और ईमेल्स की जांच जारी है जिनसे आरोपी ने संपर्क किया था।
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