Saturday, November 15, 2025

बच्चों की पढ़ाई में मन नहीं लगता? जानिए 3 असरदार घरेलू उपाय

कई बार बच्चे किताबों के सामने तो बैठते हैं, पर कुछ ही मिनटों में ध्यान भटक जाता है। ऐसे में माता-पिता को समझना चाहिए कि पढ़ाई में मन लगाने का पहला कदम ‘रूटीन’ होता है। बच्चे को एक ही बार में घंटों पढ़ाने के बजाय छोटे-छोटे सेशन बनाएं — जैसे 20 से 30 मिनट की स्टडी और उसके बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक। इस ब्रेक में हल्की स्ट्रेचिंग, पानी पीना या थोड़ा टहलना बेहद असरदार होता है। इससे दिमाग को दोबारा फोकस करने का मौका मिलता है और थकान भी कम होती है।

मनोविज्ञान के अनुसार, बच्चे जब छोटी-छोटी उपलब्धियां हासिल करते हैं तो उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है और पढ़ाई में रुचि भी अपने आप आने लगती है। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि वे एक बड़ा गोल देने की जगह छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें। जब बच्चा इन्हें पूरा करेगा तो उसे उपलब्धि का एहसास होगा — और यही एहसास पढ़ाई को बोझ से आनंद में बदल देता है।

सही अध्ययन-कोना बनाना है दूसरा राज़ का दरवाज़ा

कई घरों में बच्चे जहां-तहां बैठकर पढ़ाई कर लेते हैं, लेकिन यह आदत एकाग्रता को बिगाड़ती है। पढ़ाई के लिए एक ‘स्टडी कॉर्नर’ बनाना बहुत ज़रूरी है। ये जगह शांत, हवादार और अच्छी रोशनी वाली होनी चाहिए। रंगों का भी बच्चों के मूड और फोकस पर बड़ा असर पड़ता है — हल्का हरा और नीला रंग ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, जबकि लाल जैसे तेज़ रंग ध्यान भटका सकते हैं।

टेबल पर ज़रूरत से ज़्यादा चीज़ें रखने से बचें, क्योंकि बिखरा हुआ माहौल भी दिमाग को विचलित करता है। पढ़ाई का कोना जितना सादा और व्यवस्थित होगा, बच्चे का ध्यान उतना ही बेहतर लगेगा। साथ ही, पढ़ाई के लिए दिन का एक तय समय भी बनाएं ताकि मस्तिष्क उसी समय फोकस करने की आदत डाल ले।

पुराना-नया मिलाकर बनाएं ‘सीक्रेट रेसिपी’

अक्सर माता-पिता बच्चों को बस नया-नया पढ़ाने पर ज़ोर देते हैं। लेकिन पढ़ाई में रुचि और आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए पुराने टॉपिक का दोहराव भी ज़रूरी होता है। जब बच्चा पुराना कंटेंट दोहराता है, तो उसे महसूस होता है कि वो प्रगति कर रहा है — यह एहसास उसे नए विषयों को सीखने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए हर दिन पढ़ाई में 15-20 मिनट रिवीजन के लिए भी ज़रूर रखें।

इसके साथ ही, बच्चों को ‘प्रोत्साहन की भाषा’ में बात कहना भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है। जैसे — “तुम बहुत अच्छा कर रहे हो”, “शाबाश, थोड़ा और कोशिश करो” जैसी बातें उनके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देती हैं। टेक्नोलॉजी का उपयोग भी स्मार्ट तरीके से करें — छोटे शैक्षिक वीडियोज़, इंटरएक्टिव क्विज़ और लिमिटेड स्क्रीन टाइम बच्चे को पढ़ाई से जोड़ने में मददगार होते हैं। अच्छी नींद, हेल्दी खाना और सुबह की धूप का सेवन उनकी एकाग्रता और याददाश्त को मजबूत बनाता है।

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