UP के बुलंदशहर जिले में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की पेट दर्द की शिकायत लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची और अचानक वहीं बच्ची को जन्म दे दिया। लड़की अपनी मां के साथ अस्पताल आई थी। शुरुआत में परिजनों ने डॉक्टरों को बताया कि किशोरी को तेज पेट दर्द है, लेकिन जब डॉक्टरों ने जांच की तो उसका पेट गर्भवती महिला की तरह दिखाई दिया। सवाल पूछने पर भी मां ने गर्भवती होने की बात से इंकार कर दिया। कुछ ही देर बाद किशोरी को इमरजेंसी में भर्ती किया गया और इलाज शुरू होते ही प्रसव हो गया। इस अप्रत्याशित घटना से इमरजेंसी वार्ड में अफरा-तफरी मच गई और स्टाफ ने तुरंत मामले की जानकारी अधिकारियों को दी।
डॉक्टरों ने दी टीम को सूचना, मां रही चुप
किशोरी का प्रसव होते ही जिला अस्पताल की टीम सक्रिय हो गई। स्टाफ ने तुरंत सीएमओ को सूचना भेजी और बाद में महिला अस्पताल को भी अलर्ट किया। डॉक्टरों ने जब प्रसव के बाद मां से कई सवाल पूछने की कोशिश की, तो उसने कुछ भी बताने से साफ इंकार कर दिया और पूरे समय चुप्पी साधे रही। अस्पताल प्रशासन भी इस बात से हैरान है कि परिजनों ने इतने गंभीर मामले को लंबे समय तक छुपाए रखा। सुबह करीब सवा नौ बजे बच्ची के जन्म के बाद जच्चा और नवजात को बुलंदशहर महिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां दोनों की हालत सामान्य बताई जा रही है। नवजात को एसएनसीयू में सुरक्षित रखा गया है।
मोहल्ले में चर्चा तेज, अस्पताल में भीड़ और हंगामा
जैसे ही नाबालिग के प्रसव की खबर मोहल्ले तक पहुंची, वहां से कई लोग अस्पताल पहुंच गए। अचानक बनी स्थिति में कुछ लोगों और लड़की के परिजनों के बीच नोकझोंक भी हो गई। इस दौरान अस्पताल के स्टाफ को हालात संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। मामले को लेकर स्थानीय लोगों में कई तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं, क्योंकि परिजनों ने न तो गर्भ की जानकारी दी थी और न ही किसी तरह की पहले जांच कराई थी। अचानक हुए प्रसव ने इलाके में सनसनी फैला दी। अस्पताल प्रशासन ने भीड़ को हटाकर सुरक्षा बढ़ा दी, ताकि लड़की और नवजात को किसी तरह की परेशानी न हो।
बाल कल्याण समिति और पुलिस की एंट्री, जांच शुरू
घटना की सूचना मिलने के बाद बाल कल्याण समिति और पुलिस टीम अस्पताल पहुंची और मामले का संज्ञान लिया। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. अंशु बंसल ने बताया कि किशोरी को डिस्चार्ज होने के बाद समिति के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद यह जांच की जाएगी कि लड़की गर्भवती कैसे हुई, परिवार ने जानकारी क्यों छुपाई और क्या किसी तरह का अपराध हुआ है। पुलिस ने भी इस मामले को संवेदनशील मानते हुए अस्पताल में सुरक्षा बढ़ा दी है। किशोरी की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जच्चा और बच्ची दोनों इस समय पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनका इलाज जारी है।
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