पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शनिवार को ऐसी घटना हुई, जिसने राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी। टीएमसी से निलंबित विधायक हुमांयू कबीर ने यहां एक मस्जिद की नींव रखी, जिसे बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाया जा रहा बताया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे और विधायक ने रिबन काटकर निर्माण की शुरुआत का एलान किया। जैसे ही यह खबर फैली, इंटरनेट पर चर्चा का दौर शुरू हो गया। कई लोग इसे धार्मिक और राजनीतिक विवाद से जोड़ने लगे। इसी बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी इसकी गूंज सुनाई पड़ी। केशव प्रसाद मौर्य का बयान सुर्खियों मे बना हुआ है
केशव प्रसाद मौर्य का बयान सुर्खियों मे
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा कि मस्जिद निर्माण उनका मुद्दा नहीं है, लेकिन यदि किसी धार्मिक स्थल को मुगल शासक बाबर के नाम पर बनाया जाएगा तो इसका स्पष्ट विरोध होगा।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “किसी भी धर्मस्थल को बनाने से समस्या नहीं है, लेकिन अगर किसी जगह को बाबर का नाम दिया गया तो उसका विरोध किया जाएगा।”
उनका यह बयान आते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर जमकर चर्चा शुरू हो गई। कई लोग इसे चुनावी रणनीति से जोड़ रहे हैं, जबकि कुछ इसे हिंदू-मुस्लिम भावनाओं से जुड़े मुद्दे के रूप में देख रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी साधा निशाना
मस्जिद विवाद पर टिप्पणी के साथ ही केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी कड़ा हमला बोला। झांसी में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद अखिलेश यादव का “मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है” और वह “मुंगेरीलाल जैसे सपने देखने लगे हैं।” केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि सपा का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है और आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति और कमजोर हो जाएगी। मौर्य ने आगे कहा कि लाल टोपी और जालीदार टोपी दोनों ही यूपी की राजनीति से गायब होती जा रही हैं, जिसका असर चुनावी नतीजों पर भी देखने को मिलेगा। उनके इन आरोपों ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।
समीक्षा बैठक में हुई चर्चा, दतिया धाम में किए दर्शन
अपने राजनीतिक बयानों के बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने झांसी में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) से जुड़ी बैठक में भी हिस्सा लिया। उन्होंने अधिकारियों को मतदाता सूची सटीक और अद्यतन रखने के निर्देश दिए। बैठक खत्म होने के बाद मौर्य दतिया स्थित प्रसिद्ध पीतांबरा पीठ पहुंचे और पूजा-अर्चना की। धार्मिक कार्यक्रम पूरा करने के बाद वह लखनऊ के लिए रवाना हो गए। उनकी इस यात्रा को प्रशासनिक और धार्मिक—दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि चुनावी माहौल में ऐसे दौरों का विशेष महत्व रहता है।
