रविवार की सुबह आगरा के ताजमहल में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। वेस्टर्न गेट पर पर्यटकों की लंबी कतारें लगी थीं, और लोग सामान्य तरीके से प्रवेश का इंतजार कर रहे थे। तभी अचानक वातावरण में ‘हरे कृष्णा… हरे राम…’ के जयकारे गूंजने लगे। शुरुआत में यह आवाज थोड़ी धीमी थी, लेकिन कुछ ही पलों में पूरी भीड़ के बीच सुनाई देने लगी। बताया जा रहा है कि यह समूह वृंदावन के आनंद धाम गौड़िया आश्रम से आया था। समूह के सदस्यों ने हाथ में मृदंग, करताल और अन्य वाद्य लेकर भजन-कीर्तन शुरू किया। मंत्रोच्चार का स्वर इतना मधुर और शांतिपूर्ण था कि वहां मौजूद पर्यटक अपनी जगह रुक गए और इस दृश्य को निहारने लगे। कुछ लोग भक्ति में खो गए, वहीं कई पर्यटक वीडियो बनाने में लगे।
भक्तों की उपस्थिति और सोशल मीडिया पर हलचल
कुछ ही मिनटों में ताजमहल के वेस्टर्न गेट पर भारी भीड़ जमा हो गई। विदेशी और देशी दोनों तरह के पर्यटक इस अद्भुत दृश्य का आनंद ले रहे थे। सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल होने लगे। कई लोग इसे ‘ताजमहल में आध्यात्मिक माहौल’ के रूप में देख रहे थे। स्थानीय लोगों ने भी इस अप्रत्याशित घटना को देखकर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ लोग इसे ताजमहल की भव्यता और भारतीय भक्ति संस्कृति का संगम बता रहे हैं, जबकि कुछ ने सवाल उठाया कि क्या किसी विश्व धरोहर स्थल पर इस तरह के भजन-कीर्तन की अनुमति होनी चाहिए या नहीं।
सुरक्षा व्यवस्था और शांतिपूर्ण आयोजन
स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह किसी आधिकारिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। समूह ने प्रदर्शन या विरोध नहीं किया, बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से भजन गाया। सुरक्षा कर्मियों ने भी किसी तरह की रोक-टोक नहीं की। भजन गूंजने के बाद समूह ने स्वयं ही स्थल छोड़ दिया। सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि सभी पर्यटक सुरक्षित रहे और कोई अव्यवस्था नहीं हुई। उन्होंने यह भी बताया कि ताजमहल जैसे ऐतिहासिक और विश्व धरोहर स्थल पर इस तरह की घटनाओं को नियंत्रित करना जरूरी है ताकि पर्यटक और स्थल दोनों सुरक्षित रहें।
भक्ति और पर्यटन का संगम
यह घटना यह दिखाती है कि कैसे धार्मिक भक्ति और पर्यटन एक साथ जुड़ सकते हैं। ताजमहल की भव्यता और भारतीय भक्ति की मधुरता ने पर्यटकों के लिए एक यादगार पल बना दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में लोग इस अप्रत्याशित भजन-कीर्तन को अद्भुत और यादगार बता रहे हैं। इस तरह के घटनाक्रम यह याद दिलाते हैं कि भारत की ऐतिहासिक धरोहरें केवल पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव का भी केंद्र हैं। यह छोटे लेकिन प्रभावशाली पल पर्यटकों और स्थानीय लोगों के दिलों में लंबे समय तक याद रहेंगे।
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