बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने आखिरकार 14 अक्टूबर को अपनी पहली प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। पहली लिस्ट में कुल 71 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है, लेकिन इस सूची ने सबको चौंका दिया है। सात बार के विधायक और वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव का टिकट कट गया है। पटना साहिब सीट से अब रत्नेश कुशवाहा को मैदान में उतारा गया है। यह कदम पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव और क्षेत्रीय समीकरणों के संतुलन के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। एनडीए गठबंधन के तहत बीजेपी को 101 सीटें मिली हैं, बाकी 30 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान दूसरी सूची में होगा।
मंत्रियों की भी छुट्टी, नए चेहरों को मिला मौका
बीजेपी की इस पहली लिस्ट में कई चौंकाने वाले नाम शामिल नहीं हैं। रीगा से मंत्री मोतीलाल प्रसाद और औराई से रामसूरत राय का भी टिकट काट दिया गया है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को इस बार सीवान से प्रत्याशी बनाया गया है, जो एक बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। इसके अलावा, जेडीयू के पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बीजेपी में वापसी की है और उन्हें सीतामढ़ी से टिकट मिला है। इससे यह साफ हो गया है कि बीजेपी पुराने चेहरों को हटाकर कुछ नए व वापसी करने वाले नेताओं पर भरोसा जता रही है।
गठबंधन के दबाव में बदले समीकरण, खजौली से भी चौंकाया
बीजेपी की पहली सूची में खजौली सीट से अरुण प्रसाद को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि पहले यह चर्चा थी कि यह सीट उपेन्द्र कुशवाहा के हिस्से में जाएगी। यह फैसला भी गठबंधन के भीतर बदलते समीकरणों की ओर इशारा करता है। बीजेपी ने जातीय संतुलन और क्षेत्रीय वफादारी को ध्यान में रखते हुए सूची तैयार की है। इस लिस्ट से यह साफ झलकता है कि पार्टी आगामी चुनाव में किसी भी प्रकार की रणनीतिक चूक नहीं करना चाहती और हर टिकट को सोच-समझकर दे रही है। अब सभी की नजरें दूसरी लिस्ट पर टिकी हैं, जिसमें शेष 30 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम सामने आएंगे।
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