उत्तर प्रदेश की राजनीति में बयानबाज़ी का पारा एक बार फिर चढ़ गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान सीधा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘घुसपैठिया’ करार दे डाला। अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा, “हमारे यूपी में भी घुसपैठिए हैं। मुख्यमंत्री जी खुद उत्तराखंड से हैं। हम तो चाहते हैं कि उन्हें वापस उनके राज्य भेज दिया जाए।” इस बयान के बाद सियासी गलियारों में एक बार फिर गर्मी आ गई है और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
“विचारधारा के भी घुसपैठिए हैं मुख्यमंत्री”, अखिलेश ने उठाए गंभीर सवाल
सिर्फ मुख्यमंत्री के मूल राज्य तक ही सीमित न रहते हुए, अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक विचारधारा पर भी सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा, “वो सिर्फ भौगोलिक घुसपैठिए नहीं हैं, बल्कि विचारधारा के लिहाज से भी बाहरी हैं। वो पहले भाजपा के सदस्य नहीं थे, बल्कि दूसरी पार्टी से आए थे। अब सवाल ये है कि इन घुसपैठियों को कब हटाया जाएगा?” अखिलेश का यह बयान भाजपा के उन दावों पर पलटवार माना जा रहा है, जिसमें पार्टी अक्सर ‘बाहरी तत्वों’ और ‘घुसपैठियों’ को लेकर विपक्ष पर हमलावर रहती है।
“झूठे आंकड़े और भ्रम फैलाना भाजपा की रणनीति”, बोले सपा प्रमुख
अखिलेश यादव ने भाजपा पर झूठे आंकड़े फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जो लोग यूपी से पलायन के आंकड़े दे रहे हैं, उनके आंकड़ों पर भरोसा किया जाए तो आदमी रास्ता ही भटक जाएगा। भाजपा के पास विकास नहीं, सिर्फ भ्रम की राजनीति है।” अखिलेश का यह बयान आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जहां सपा यूपी में ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ की नई बहस को जन्म दे रही है।
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