स्मार्टफोन इंडस्ट्री में अब तक यह आम बात रही है कि किसी भी नए डिवाइस की लॉन्चिंग से पहले उसकी झलक तक लोगों को नहीं देखने दी जाती। कंपनियां हर पहलू को गोपनीय रखती हैं, और लॉन्च के दिन ही सब कुछ सामने आता है। लेकिन अब Google इस रवैये को बदलने जा रहा है। कंपनी ने अपने आने वाले Pixel फोन को लॉन्च से पहले ही कुछ खास यूजर्स को इस्तेमाल करने का मौका देने का फैसला किया है।
यह कदम न केवल फैंस के लिए हैरानी भरा है, बल्कि पूरी इंडस्ट्री के लिए एक उदाहरण भी बन सकता है। इसे Google ने “Trusted Tester Programme” का नाम दिया है।
क्या है Trusted Tester Programme?
Google का नया Trusted Tester Programme उन यूजर्स के लिए है जो Pixel ब्रांड के सच्चे प्रशंसक हैं। इन्हें कंपनी “Superfans” के रूप में पहचानती है। इन चुनिंदा लोगों को लॉन्च से पहले नए Pixel डिवाइस को एक्सक्लूसिव तौर पर टेस्ट करने का मौका मिलेगा।
लेकिन यह मौका यूं ही नहीं मिलेगा। इसके लिए पहले आवेदन करना होगा और Google के बनाए कुछ मापदंडों को पूरा करना होगा। Superfans को एक तरह की NDA (Non-Disclosure Agreement) साइन करनी होगी, ताकि वे प्रोडक्ट की जानकारी सार्वजनिक न करें।
यह एक बीटा टेस्टिंग जैसा प्रोग्राम है, जिसमें यूजर्स अपनी राय और अनुभव सीधे Google को दे सकेंगे, जिससे प्रोडक्ट को और बेहतर बनाया जा सके।
कौन बन सकता है Superfan?
Google ने इस प्रोग्राम के लिए अभी तक कोई सार्वजनकि पात्रता सूची नहीं दी है, लेकिन जानकारों के अनुसार, ऐसे यूजर्स को प्राथमिकता दी जा सकती है:
जो पहले से Pixel डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं
Google फीडबैक में एक्टिव रहते हैं
सोशल मीडिया या कम्युनिटी फोरम्स में Pixel को लेकर जागरूकता फैलाते हैं
जो यूजर इन मानकों को पूरा करते हैं, उन्हें एक इनवाइट भेजा जाएगा या आवेदन के जरिए शामिल होने का मौका दिया जाएगा। यह एक सीमित स्लॉट्स वाला प्रोग्राम होगा, यानी हर कोई इसमें शामिल नहीं हो सकेगा।
क्यों लिया Google ने ये अनोखा फैसला?
इस तरह की पहल टेक इंडस्ट्री में काफी नई है। इसके पीछे Google का मकसद डिवाइस की क्वालिटी को लॉन्च से पहले ही यूजर फीडबैक से बेहतर बनाना है। इसके अलावा यह यूजर एंगेजमेंट को भी एक नया आयाम देता है।
Google यह भी देखना चाहता है कि आम यूजर्स किस तरह डिवाइस को इस्तेमाल करते हैं, ताकि वे वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में डिवाइस का प्रदर्शन जांच सकें।
इससे पहले Apple या Samsung जैसी बड़ी कंपनियों ने भी इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे यह पहल और भी खास बन जाती है।
क्या यूजर रख सकते हैं टेस्टिंग यूनिट?
यह एक बड़ा सवाल है जो हर किसी के मन में आ रहा है। फिलहाल इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि जो लोग Pixel डिवाइस टेस्ट करेंगे, क्या वे उसे हमेशा के लिए रख पाएंगे या वापिस करना होगा।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, डिवाइस टेस्टिंग के बाद Google उसे वापिस ले सकता है या फिर यूजर को सब्सिडी पर खरीदने का विकल्प दे सकता है।
हालांकि, यह तय है कि यह मौका बेहद सीमित लोगों को ही मिलेगा और उनका अनुभव बाकी दुनिया से पहले होगा।
READ MORE-मैंने जमीन बेच दी, फिर भी टिकट नहीं मिला! RJD नेता ने लालू आवास के बाहर फाड़ा कुर्ता, फूट-फूट कर रोए
