UP के आंबेडकरनगर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे क्षेत्र में चर्चा का माहौल बना दिया है। यहां रहने वाली पांच बच्चों की मां ने एक ऐसे युवक से शादी रचा ली, जिसकी उम्र उसके बड़े बेटे के बराबर बताई जा रही है। यह विवाह किसी मंदिर या कोर्ट में नहीं, बल्कि गांव के ही एक छोटे से आयोजन में हुआ, जहां कुछ करीबी लोग मौजूद थे। इस घटना ने इलाके में हलचल इसलिए भी बढ़ा दी क्योंकि महिला के पहले पति ने भी इस शादी में उपस्थित होकर दोनों को आशीर्वाद दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार महिला और उसका नया पति पिछले कुछ समय से एक-दूसरे को जानते थे और दोनों के बीच दोस्ती धीरे-धीरे नजदीकियों में बदल गई। जब रिश्ते को लेकर चर्चा बढ़ने लगी, तब उन्होंने समाज के सामने इसे वैध रूप देने का फैसला किया।
गांव वालों के बीच इस बात पर अलग-अलग मत हैं। कुछ लोग इसे महिला का व्यक्तिगत फैसला मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे सामाजिक परंपराओं से हटकर उठाया गया कदम बता रहे हैं। बावजूद इसके, महिला ने बिना किसी डर और संकोच के अपने नए जीवन की शुरुआत का ऐलान कर दिया। यह कदम उसकी हिम्मत, अपनी पसंद और जीवन को अपनी शर्तों पर जीने की इच्छा को भी दर्शाता है।
शादी में मौजूद रहा पति
इस शादी की सबसे बड़ी खास बात यह रही कि महिला का पहला पति भी समारोह में मौजूद था। उसने दिल पर पत्थर रखकर दोनों को शादी की मंजूरी दी। शादी के दौरान जब लोगों ने उससे उसके भावनाओं के बारे में पूछा तो वह खुद को संभाल नहीं पाया। उसकी आंखों में आंसू आ गए और उसने भारी मन से कहा, “अगर वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती, तो मैं क्या कर सकता हूं? आखिर किसी को जबरदस्ती साथ नहीं रखा जा सकता।”
पहले पति की यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई है। कई लोग उसकी सहनशीलता और समझदारी की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ लोग उसकी बेबसी देखकर भावुक हो रहे हैं। यह मामला केवल एक महिला के दोबारा शादी करने का नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान की भी कहानी है जिसने व्यक्तिगत दुख के बावजूद अपनी पत्नी की खुशी को प्राथमिकता दी। यह बात भी सामने आई कि पति-पत्नी के बीच पिछले कई महीनों से रिश्तों में दूरियां बनी हुई थीं। दोनों के बीच आए मतभेदों ने इस रिश्ते को लंबे समय तक टिकने नहीं दिया। ऐसे माहौल में महिला ने अपने नए साथी के साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया।
बेटे की उम्र का है नया पति
महिला के नए पति की उम्र उसके बेटे के करीब बताई जा रही है, जिससे यह मामला और भी चर्चा में आ गया है। युवक ने शादी के समय कहा कि उम्र उनके रिश्ते में कोई मायने नहीं रखती। उसके अनुसार, “हम दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं। मैं उन्हें खुश रखना चाहता हूं और उन्होंने मुझ पर भरोसा किया है।” युवक के इस बयान ने लोगों की सोच को दो हिस्सों में बांट दिया है। कुछ का कहना है कि उम्र से ज्यादा जरूरी आपसी समझ और विश्वास होता है। वहीं कुछ लोग इसे सामाजिक मर्यादा के खिलाफ मान रहे हैं।
गांव में युवक और महिला के रिश्ते को लेकर पहले भी कई तरह की बातें होती रही थीं, लेकिन शादी के बाद यह साफ हो गया कि दोनों अपने फैसले पर गंभीर हैं। महिला ने भी कहा कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव में थी और उसे ऐसे साथी की तलाश थी जो उसके साथ सम्मान से पेश आए। अपने नए पति के साथ उसे वही अपनापन और भरोसा मिला जिसकी कमी वह महसूस कर रही थी।
परिवार और समाज में उठे सवाल
इस मामले ने महिला के परिवार और बच्चों को भी एक अनोखी स्थिति में ला खड़ा किया है। पांच बच्चों की मां होने के बावजूद उसका इस तरह से नया रिश्ता बनाना परिवार के लिए आसान नहीं था। हालांकि, उसके कुछ बच्चों ने इस विषय पर खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन अंदर ही अंदर वे इस बदलाव को समझने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ रिश्तेदारों का कहना है कि परिवार की महिला ने ऐसा फैसला अचानक नहीं लिया, बल्कि लंबे विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया।
समाज के स्तर पर भी इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर ग्रामीण परिवेश में, जहां इस तरह के रिश्तों को आम तौर पर सहजता से स्वीकार नहीं किया जाता। लेकिन यह मामला इस बात की भी मिसाल है कि समाज धीरे-धीरे बदल रहा है। लोग अब रिश्तों को व्यक्तिगत पसंद के रूप में देखने लगे हैं। महिला की शादी भले ही विवादों के घेरे में हो, लेकिन उसने अपने जीवन को फिर से शुरू करने का साहस दिखाया है। यह घटना लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या समाज अब ऐसे फैसलों को स्वीकार करने के लिए तैयार है।
