अयोध्या में ध्वजारोहण की खुशी ने काशी में भी उत्साह का अद्भुत माहौल बना दिया। जैसे ही शहर में भक्तों को अयोध्या के समारोह की जानकारी मिली, असि घाट पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ब्रह्मराष्ट्र एकम विश्व महासंघ न्यास काशी और मां गंगा सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दीपोत्सव में भक्तों ने बड़ी संख्या में दीप प्रज्वलित किए। लगभग 5000 दीपों की सुनहरी आभा ने गंगा तट को दिव्य रोशनी से नहला दिया। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस अनोखे उत्सव का हिस्सा बने और ‘जय श्रीराम’ के गगनभेदी उद्घोष से पूरा वातावरण भक्ति में डूब गया।
रंगोलियों और दीपदान से बढ़ी शोभा
दीपोत्सव के दौरान घाट पर सांस्कृतिक रंग भी दिखाई दिए। महिलाओं और बेटियों ने मिलकर रंग-बिरंगी और आकर्षक रंगोलियां बनाईं, जिन्होंने घाट की सुंदरता को और बढ़ा दिया। श्रद्धालुओं ने दीपदान कर मां गंगा और भगवान राम के प्रति अपनी अटूट आस्था व्यक्त की। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों—सभी ने इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया। घाट पर फैली दीपों की कतारें, बहती हवा और गंगा की लहरों पर पड़ती रोशनी एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं।
पीठाधीश्वर ने दिया भक्तिभाव का मंत्र
समारोह की अध्यक्षता श्रीकुल पीठ काशी के पीठाधीश्वर डॉ. सचींद्रनाथ महाराज ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि रामभक्ति और गंगाभक्ति हमारे जीवन की आध्यात्मिक शक्ति हैं। महाराज ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे धर्मकार्य, भक्ति और सेवा के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहें। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में एकता, सद्भाव और सांस्कृतिक जागरूकता को मजबूत करते हैं। उनके संदेश ने उपस्थित लोगों में नई ऊर्जा और सकारात्मकता भर दी।
काशी में आगे भी होंगे ऐसे आयोजन
दीपोत्सव में शामिल लोगों ने कहा कि ऐसे आयोजन काशी की पहचान को और भी निखारते हैं। श्रद्धालुओं ने यह भी बताया कि अयोध्या के उत्सव की खुशी को काशी में मनाने से दोनों पवित्र नगरों का आध्यात्मिक संबंध और मजबूत महसूस हुआ। आयोजकों ने बताया कि भविष्य में भी इसी तरह के भव्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। घाट पर मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर भक्ति, उत्साह और गर्व की झलक साफ दिखाई दे रही थी, जिसने इस शाम को और भी यादगार बना दिया।
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