हम सभी अक्सर व्यस्त दिनचर्या में खाना जल्दी-जल्दी खा लेते हैं. ऑफिस का टाइम कम हो, मोबाइल में स्क्रॉल करते हुए खाना हो या फिर बस जल्दी खत्म करने की आदत – ज्यादातर लोग खाना सही से चबाने पर ध्यान ही नहीं देते. यही छोटी-सी आदत हमारे शरीर पर बड़ा असर डाल सकती है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब हम खाना बिना चबाए निगलते हैं, तो पेट को उसे पचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इससे एसिडिटी, गैस, ब्लोटिंग और मोटापे जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं. कई स्टडीज़ में यह भी पाया गया है कि जो लोग धीरे-धीरे और ध्यान से खाना खाते हैं, उनका पाचन तंत्र ज्यादा स्वस्थ रहता है और उनके शरीर में पोषक तत्व बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं.
‘माइंडफुल ईटिंग’ का जादू: दिमाग और दिल दोनों रहेंगे फिट
हेल्थ रिसर्च के मुताबिक, “माइंडफुल ईटिंग” यानी हर कौर को महसूस करके, धीरे-धीरे खाना – न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग के लिए भी फायदेमंद होता है. जब हम धीरे-धीरे खाते हैं, तो हमारा ब्रेन 20 मिनट के भीतर सिग्नल भेजता है कि पेट भर चुका है. इससे ओवरईटिंग रुकती है और वजन बढ़ने की समस्या से भी राहत मिलती है.
कई देशों में अब “स्लो ईटिंग थैरेपी” चलन में है, जहां लोगों को सिखाया जाता है कि कैसे हर निवाले को 30 से 40 बार चबाने की आदत डालें. जापान जैसे देशों में यह पारंपरिक आदत सदियों से चली आ रही है, और यही वजह मानी जाती है कि वहां के लोग लंबी उम्र तक स्वस्थ रहते हैं.
खाना चबाने का सही तरीका और इसके अद्भुत फायदे
डॉक्टर्स का सुझाव है कि हर निवाले को कम से कम 30 बार चबाना चाहिए. जब खाना पूरी तरह लार के साथ मिक्स होता है, तो एंजाइम्स बेहतर तरीके से काम करते हैं और पाचन प्रक्रिया आसान बन जाती है.
इसके फायदे केवल पेट तक सीमित नहीं हैं – ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है, हार्ट हेल्थ में सुधार होता है और शरीर में सूजन (inflammation) कम होती है. साथ ही, धीरे-धीरे खाने से तनाव भी कम होता है क्योंकि यह दिमाग को शांत और फोकस्ड रखता है.
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