भारत में मोटापा अब सिर्फ एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों में बच्चों से लेकर युवाओं और बुजुर्गों तक, सभी वर्गों में वजन बढ़ने की दर तेजी से बढ़ी है। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने हाल ही में एक्स (X) पर एक जागरूकता पोस्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि वजन नियंत्रण के लिए हाइड्रेशन यानी पर्याप्त पानी पीना बेहद जरूरी है। मंत्रालय के अनुसार, शरीर में पानी की कमी मेटाबॉलिज़्म को धीमा करती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
‘पानी है सबसे सस्ता और असरदार उपाय’ — मंत्रालय का संदेश
मंत्रालय की पोस्ट में लिखा गया — “पानी सिर्फ प्यास बुझाने के लिए नहीं, बल्कि वजन नियंत्रण का आधार भी है। दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है और फैट बर्निंग प्रक्रिया तेज होती है।”
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हर व्यक्ति को अपनी शरीर की जरूरत के अनुसार कम से कम 8-10 गिलास पानी रोज पीना चाहिए। इसके अलावा, शुगर ड्रिंक्स और सोडा जैसी चीजों से दूरी बनाना जरूरी है, क्योंकि ये वजन बढ़ाने के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं।
मोटापा बढ़ने की मुख्य वजहें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अनियमित दिनचर्या, जंक फूड का बढ़ता सेवन, तनाव और नींद की कमी आज मोटापे के प्रमुख कारण हैं। खासकर शहरी क्षेत्रों में युवा पीढ़ी में ‘लेज़ी लाइफस्टाइल’ तेजी से बढ़ी है।
एक ताज़ा सर्वे के मुताबिक, भारत के 32% शहरी वयस्क किसी न किसी स्तर के मोटापे से ग्रस्त हैं। महिलाओं में यह आंकड़ा और भी ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोटापा केवल दिखावे से जुड़ी समस्या नहीं, बल्कि यह शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिज़ीज़ और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की जड़ बन सकता है।
मंत्रालय ने दिए वजन घटाने के आसान और व्यवहारिक टिप्स
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने पोस्ट में लोगों को कुछ आसान लेकिन कारगर हेल्थ टिप्स भी दिए हैं —
1. दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें।
2. हर दो घंटे में एक गिलास पानी जरूर पिएं।
3. खाने में फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।
4. हर दिन कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जैसे पैदल चलना या योग करें।
5. नींद पूरी लें और देर रात तक मोबाइल स्क्रीन से बचें।
मंत्रालय का कहना है कि इन आदतों को अपनाने से शरीर में ऊर्जा संतुलित रहती है और वजन नियंत्रण स्वाभाविक रूप से संभव होता है।
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