सऊदी अरब के एक म्यूज़िक शो में जब सलमान खान ने माइक उठाया, तो शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि उनके शब्दों से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच जाएगी। शो के दौरान उन्होंने कहा कि “हमारे यहाँ बलूचिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लोग भी आते हैं।” बस इतना कहना था कि पाकिस्तान के मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर तूफ़ान आ गया। कुछ ही घंटों में यह बयान पाकिस्तान की सरकार के कानों तक पहुंच गया, और वहां की राजनीति में हलचल मच गई। सवाल उठने लगे — क्या सलमान खान ने अनजाने में पाकिस्तान के नक्शे पर चोट कर दी?
जब बयान ने बनाया सलमान को दुश्मन
सलमान खान के इस बयान को पाकिस्तान ने अपनी अखंडता और संप्रभुता पर हमला माना। वहां की सरकार ने इसे एक राजनीतिक संकेत बताया और कहा कि भारत के बड़े कलाकार जानबूझकर ऐसे मंचों पर पाकिस्तान विरोधी बातें करते हैं। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने उन्हें देश के फोर्थ शेड्यूल यानी संदिग्ध सूची में डाल दिया। इसका मतलब यह हुआ कि अब वहां की कानून व्यवस्था सलमान खान को आतंकवाद समर्थक श्रेणी में मान रही है। वहीं, पाकिस्तान के कुछ नेताओं ने इसे भारत के खिलाफ सांस्कृतिक साजिश करार दिया।
भारत में समर्थन, सोशल मीडिया पर हंगामा
भारत में सलमान खान के फैंस और फिल्म जगत ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान ने एक कलाकार की बात को राजनीतिक रंग दे दिया। कई यूज़र्स ने लिखा कि “सलमान खान को आतंकवादी कहना खुद पाकिस्तान की राजनीति पर सवाल खड़े करता है।”
इसी बीच बॉलीवुड के कुछ बड़े नामों ने भी खुलकर कहा कि कला की कोई सीमा नहीं होती और एक शब्द को लेकर किसी कलाकार को “आतंकी” बताना लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। फिलहाल इस मामले में भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह घटना “आज़ादी-ए-अभिव्यक्ति” बनाम “राजनीतिक संप्रभुता” की नई बहस खड़ी कर चुकी है।
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