पुणे शहर के बाहरी इलाके में गुरुवार शाम एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे शहर को झकझोर दिया। मुंबई-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित नवले ब्रिज पर दो बड़े कंटेनर ट्रकों की जोरदार टक्कर हुई। टक्कर इतनी भीषण थी कि एक ट्रक में आग लग गई और उसके बीच में फँसी एक कार चंद सेकंड में आग के गोले में तब्दील हो गई। कार में सवार आठ लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ट्रकों के टकराने की आवाज कई किलोमीटर तक सुनाई दी और कुछ ही पलों में पूरा पुल धुएँ से भर गया। पुलिस और फायर ब्रिगेड ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए राहत कार्य शुरू किया, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई भी कार तक पहुँच नहीं सका।
लपटों के बीच बचाव की जंग
हादसे के बाद दमकल विभाग की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, मगर तब तक कार और ट्रक दोनों राख में बदल चुके थे। राहतकर्मी अब भी मलबे को हटाने और अंदर फँसे शवों को निकालने में जुटे हैं। हादसे के तुरंत बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया, जिससे कई किलोमीटर तक गाड़ियों की कतारें लग गईं। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं क्योंकि अधिकांश शव बुरी तरह जल चुके हैं।
जांच में उठे सवाल, हादसे का रहस्य गहराया
अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी दुर्घटना कैसे हुई? शुरुआती जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि एक ट्रक की ब्रेक फेल हो गई थी या शायद रफ्तार इतनी अधिक थी कि चालक नियंत्रण खो बैठा। पुलिस ने दोनों ट्रकों के ड्राइवरों और गवाहों से पूछताछ शुरू कर दी है। यातायात पुलिस ने इलाके में अस्थायी डायवर्जन बनाकर ट्रैफिक सुचारू करने की कोशिश की है। वहीं, प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इस भयावह हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी सड़कों पर सुरक्षा के इंतज़ाम पर्याप्त हैं या फिर तेज़ रफ्तार और लापरवाही का सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा।
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