उत्तराखंड के रुड़की नगर निगम हॉल में एक यूट्यूबर की बर्थडे पार्टी के दौरान हुए अश्लील डांस का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है। हैरानी की बात ये है कि इस सरकारी हॉल को “कवि सम्मेलन” के नाम पर बुक किया गया था, लेकिन मंच पर जो नजारा सामने आया, उसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को चौंका दिया, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पूरे शहर में चर्चा इस बात की हो रही है कि सरकारी संपत्ति का इस तरह के आयोजनों के लिए इस्तेमाल कैसे और क्यों हुआ?
कवि सम्मेलन की आड़ में मनाया गया यूट्यूबर का बर्थडे, स्टेज पर हुआ अश्लील डांस
जानकारी के मुताबिक, यूट्यूबर अमजद 9211 की बर्थडे पार्टी को कवि सम्मेलन बताकर रुड़की नगर निगम के सरकारी हॉल को बुक किया गया था। शनिवार रात को हुए इस आयोजन में स्टेज पर एक महिला द्वारा खुलेआम अश्लील डांस किया गया, जिसे वहां मौजूद लोग न केवल देख रहे थे बल्कि रिकॉर्ड भी कर रहे थे। स्टेज के ठीक ऊपर एक बड़े बैनर पर ‘Happy Birthday Amjad 9211’ लिखा नजर आया, जो इस बात का सबूत है कि कार्यक्रम की वास्तविक मंशा कुछ और ही थी।
#Uttarakhand में ये कौन सा कल्चर आ गया है? कैसे परमिशन मिल गई इस तरह के नाच गाने करने की #Roorkee नगर निगम के सरकारी हॉल में? मामला किसी यूट्यूबर के बर्थडे का है और बलिहारी इसको करवाने वालों की वो भी सरकारी प्रॉपर्टी में। @BJP4UK @pradeepbatra30 pic.twitter.com/AVWJ8j2Ps3
— Anupam Trivedi (@AnupamTrivedi26) October 14, 2025
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की अशोभनीय गतिविधियां उत्तराखंड की संस्कृति और मर्यादा के खिलाफ हैं। हॉल में केक काटने के बाद उसे एक-दूसरे पर फेंका गया, जिससे नगर निगम की कुर्सियां और संपत्ति भी क्षतिग्रस्त हुई। कार्यक्रम का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा, और कई लोगों ने प्रशासन से तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वार्ड पार्षद बोले – ‘हमें बताया गया था कि कवि सम्मेलन है’, नगर निगम की छवि पर उठे सवाल
वार्ड नंबर 1 के पार्षद अमित कुमार ने सफाई दी कि उन्हें आयोजकों द्वारा कवि सम्मेलन की जानकारी दी गई थी। पार्षद ने कहा, “हमें गुमराह किया गया। ये बर्थडे पार्टी थी, जिसमें आपत्तिजनक डांस कराए गए, जो निंदनीय है।” अब सवाल ये उठ रहा है कि जब आयोजन की स्वीकृति दी जा रही थी, तब नगर निगम ने कार्यक्रम की प्रकृति की पुष्टि क्यों नहीं की?
इस घटना ने नगर निगम की छवि को ठेस पहुंचाई है। सरकारी संपत्ति का इस तरह के निजी और अमर्यादित आयोजनों के लिए प्रयोग प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर बड़े पैमाने पर नाराजगी जताई जा रही है, और लोग पूछ रहे हैं — “आख़िर कब तक सरकारी सिस्टम को इस तरह गुमराह किया जाता रहेगा?”
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