विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के मौके पर अंतरिक्ष संघ के अध्यक्ष डेनिस स्टोन ने चौंकाने वाला बयान दिया है – “अब समय आ गया है कि युवा खुद को पृथ्वी से बाहर जीवन के लिए तैयार करें!” यह सिर्फ एक प्रेरक कथन नहीं बल्कि एक गंभीर चेतावनी भी है, जो हमें बताती है कि अंतरिक्ष, खासकर चांद और मंगल ग्रह, अब केवल विज्ञान-कथा नहीं रहे। डेनिस स्टोन ने जोर देकर कहा कि अंतरिक्ष में रहना और काम करना आने वाले समय में मानव जीवन का हिस्सा बन सकता है। दुनिया भर में निजी अंतरिक्ष कंपनियों की बढ़ती गतिविधियों, और नए अंतरराष्ट्रीय मिशनों के बीच, यह बयान एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है।
स्पेस में करियर, अब सपना नहीं हकीकत
स्टोन के इस अलर्ट का मकसद सिर्फ डर पैदा करना नहीं, बल्कि युवाओं को अवसरों के लिए तैयार करना है। वैज्ञानिक और इंजीनियर दिन-रात Microgravity में रहने लायक माहौल बनाने पर काम कर रहे हैं। इससे जुड़े क्षेत्रों में रिसर्च, टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष निर्माण में अनगिनत नए करियर विकल्प बन रहे हैं। खास बात ये है कि स्पेस सेक्टर अब केवल सरकारी एजेंसियों का मोनोपॉली नहीं रहा। SpaceX, Blue Origin, ISRO और NASA जैसे संगठन अब युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के नए अवसर दे रहे हैं।
यही कारण है कि स्कूल और कॉलेज स्तर से ही युवाओं को स्पेस टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, AI, और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में रुचि लेना बेहद जरूरी हो गया है। अगर अगली पीढ़ी तैयार होती है, तो न केवल वह वहां रह सकेगी, बल्कि चांद और मंगल पर मानवता की नई शुरुआत का नेतृत्व भी कर सकेगी।
विश्व अंतरिक्ष सप्ताह बना नया टर्निंग पॉइंट
हर साल मनाया जाने वाला “विश्व अंतरिक्ष सप्ताह” अब सिर्फ एक समारोह नहीं बल्कि चेतावनी बन गया है। यह कार्यक्रम दुनियाभर के वैज्ञानिकों, शिक्षकों, सरकारों और उद्योगों को एक मंच पर लाता है ताकि अंतरिक्ष विज्ञान के प्रभाव को समझा और बढ़ाया जा सके। इस बार इसका फोकस है – नई पीढ़ी को चांद, मंगल और उससे आगे के जीवन के लिए तैयार करना।
आज जब जलवायु परिवर्तन, जनसंख्या विस्फोट और पृथ्वी की सीमित संसाधन क्षमता सवालों के घेरे में हैं, अंतरिक्ष में मानव बसावट एक विकल्प के रूप में तेजी से उभर रहा है। डेनिस स्टोन का कहना है कि “जो युवा आज स्पेस साइंस और टेक्नोलॉजी को अपनाएंगे, वही कल मानवता को नया घर देंगे।”
