Ekadashi 2024: पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध करना और जलदान देना बहुत ही विशेष माना जाता है। पितृ दोष भी बहुत बड़ा दोष माना जाता है जिसको पितृ दोष लगता है वह इंसान कभी भी खुश नहीं रहता उसके जीवन में परेशानियां ही परेशानियां रहती हैं। इसीलिए इन 15 दिनों में पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध आदि किए जाते हैं। पितृ पक्ष की एकादशी भी विशेष मानी जाती है। सितंबर में इंदिरा एकादशी पड़ रही है जिसे साल की सबसे अहम एकादशी में से एक माना जाता है यह एकादशी अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है। इसे इंदिरा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विध-विधान से पूजा करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है। इस साल इंदिरा एकादशी 28 सितंबर 2024 को है।
पितरों को मिलती है मुक्ति
पितृपक्ष की एकादशी को बहुत ही विशेष माना जाता है। कहां जाता है कि इस एकादशी का व्रत किया जाए तो बहुत ही फल देता है। इतना ही नहीं इस दिन पूजा व श्राद्ध करने से पितरों को भी मुक्ति मिलती है। यहां तक की नरक में गए पूर्वजों को कष्टो से भी छुटकारा मिलता है। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 सितंबर 2024 की दोपहर 1:20 पर शुरू होगी और 28 सितंबर 2024 को दोपहर 2:49 पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार इंदिरा एकादशी 28 सितंबर को ही मानी जाएगी।
क्या है इस एकादशी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस इंदिरा एकादशी का एक विशेष ही महत्व है। पितृ पक्ष की इंदिरा एकादशी का व्रत करने से राजा इंद्रसेन के पूर्वज को नर्क से मुक्ति मिली थी। इसीलिए इस एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। ध्यान रहे कि इंदिरा एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु का पूजन करें और दोपहर में ब्राह्मण,गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन खिलाएं। फिर रात्रि में जागरण करें अगली सुबह एकादशी के व्रत का पारण करें। इस व्रत के करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
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