Kangana Ranaut: मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत हमेशा अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में बनी रहती है। हांलांकि कई बार कंगना रनौत के बयान पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं। कंगना रनौत पिछले 1 महीने में दूसरी बार ऐसे बयान दे चुकी है जिसके बाद पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है। इस बार कंगना रनौत ने तीन कृषि कानून को लेकर बयान दिया है जिससे भाजपा की टेंशन बढ़ गई है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कंगना रनौत अपने बयान की वजह से चर्चा में आई हो इससे पहले भी वह कई बार ऐसे बयान दे चुकी हैं।
चुनाव के बीच कंगना रनौत के बयान ने बढ़ाई टेंशन
किसान आंदोलन और प्रेस कानून को लेकर कंगना नाथ ने ऐसे समय बयान दिया है जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव है। हरियाणा में बड़ी संख्या में किसान और जाट वोटर हैं। कंगना रनौत का यह बयान बीजेपी की मुसीबत बढ़ा रहा है। किसान आंदोलन की वजह से जाट वोटर पहले से ही बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं। बीजेपी को अच्छी तरह मालूम है की कंगना रनौत का बयान उनके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है इसीलिए बीजेपी ने लगातार कंगना रनौत के दूसरे बयान पर सफाई दी है और उनका व्यक्तिगत बयान बताया है।
बयान देकर विवादों में फंस चुकी है कंगना रनौत
आपको बता दे कंगना रनौत ने 2024 में संसद सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भगवान शिव और महाभारत की कथा के चक्रव्यूह का जिक्र किया था जिसके बाद कंगना रनौत ने राहुल गांधी पर बयान दिया था। जिस पर कंगना रनौत ने बयान देते हुए कहा था कि उनका टेस्ट होना चाहिए कि क्या वह कोई ड्रग्स लेते हैं। वही कंगना रनौत ने शंकराचार्य के ऊपर भी सवाल उठाए थे। इसके बाद कंगना रनौत ने देश की आजादी को लेकर कहा था कि भारत को साल 2047 में भीख में आजादी मिली थी और देश को असली आजादी साल 2014 में मिली है। दरअसल 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। कंगना रनौत के इस बयान से भी भारी बवाल मचा था। कंगना रनौत को एक महिला कांस्टेबल ने एयरपोर्ट पर थप्पड़ भी जड़ दिया था। कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर एक विवादित बयान दे दिया था।
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