मिर्जापुर जिले के कछवा थाना क्षेत्र में अपराध रोकने के लिए पुलिस ने एक अनोखी पहल की — इलाके के चौराहों, थानों और पुलिस बूथों पर उन लोगों के नाम और तस्वीरें लगाई गईं जो कथित रूप से चेन स्नेचिंग, लूट और छिनैती जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
लेकिन इस पहल ने तब अचानक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया, जब पोस्टर में भाजपा मझवां मंडल के उपाध्यक्ष भोनू सिंह की तस्वीर और नाम भी शामिल दिखे।
स्थानीय लोग पहले तो हैरान रह गए, फिर चर्चा का माहौल पूरे इलाके में फैल गया कि आखिर एक सत्ताधारी दल का पदाधिकारी अपराधियों की सूची में कैसे पहुंच गया।
भोनू सिंह का नाम आने से सियासत में मची हलचल
पुलिस का कहना है कि यह सूची पुराने मामलों की जांच और रिकॉर्ड के आधार पर तैयार की गई है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ नाम ऐसे लोगों के हैं जिन पर पहले मुकदमे दर्ज हुए थे या संदिग्ध गतिविधियों में पूछताछ की गई थी।
भोनू सिंह का नाम आने के बाद पुलिस भी जांच में जुट गई है कि कहीं किसी पुरानी रिपोर्ट या रिकॉर्डिंग में तकनीकी गलती तो नहीं हुई। वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं में इस घटना को लेकर खासी बेचैनी देखी जा रही है। पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों ने कहा कि “यदि कोई गलती हुई है तो उसे जल्द सुधारा जाएगा, लेकिन अगर मामला सही निकला तो संगठन कार्रवाई करेगा।”
विपक्ष ने उठाए सवाल, जनता में बढ़ा सस्पेंस
भोनू सिंह ने अपने बचाव में कहा कि “मेरे खिलाफ कोई सक्रिय मामला नहीं है, मुझे राजनीतिक साजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है।” दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा कि भाजपा के नेता कानून व्यवस्था पर भाषण देते हैं, लेकिन उनके ही कार्यकर्ता सूची में शामिल हैं — “अब जनता देखे असली चेहरा।”
लोगों के बीच अब सबसे बड़ा सवाल यही घूम रहा है कि क्या यह पुलिस की गलती थी, या वाकई में कोई पुराना मामला है जो अब सामने आया।
कछवा बाजार, मिशन तिराहा और जमुआ मार्ग पर लगे फ्लेक्सी बोर्ड फिलहाल इस पूरे सस्पेंस की गवाही दे रहे हैं — जहां राजनीति और अपराध की रेखा धुंधली पड़ती नजर आ रही है।
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