Pitra Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू होने जा रहे हैं और 14 अक्टूबर तक चलेंगे। पितृपक्ष में कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। पितृपक्ष में पिंडदान, तर्पण कर पितरों को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। जिस जातक की कुंडली में पितृ दोष होता है उसे हमेशा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लिए आगे आर्टिकल में जानते हैं कि पितृ दोष क्या होता है और इससे निवारण के क्या उपाय हैं।
कैसे लगता है पितृ दोष?
दरअसल पितृ दोष जानी- अनजानी गलतियों के कारण लगता है। जिस जातक की कुंडली में पितृ दोष हो तो उसके पिता को मृत्यु के समान कष्ट का सामना करना पड़ता है। हर काम में बाधाएं उत्पन्न हो जाती हैं। पूर्व जन्म के पापों के कारण या पितरों के श्राप के कारण कुंडली में पितृ दोष लगता है। किसी जाता की कुंडली में भाग गया भाग धर्म पूर्व पापी ग्रहों से पीड़ित हो जाए तब भी पितृ दोष लगता है। सूर्य और चंद्र यदि राहु या केतु से पीड़ित हो जाए तो भी पितृ दोष माना जाता है।
पितृ दोष के उपाय
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए ओम नमः शिवाय मंत्र का प्रतिदिन जाप करना चाहिए। नाग पंचमी का व्रत रखे नाग प्रतिमा की अंगूठी पहने।
सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करने के पश्चात एक जनेऊ पीपल के पेड़ और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को अर्पित करें। फिर उस पेड़ की परिक्रमा करते समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
-कौवा और मछलियों को चावल और घी मिलाकर लड्डू खिलाए।यह उपाय हर शनिवार को करें।
शिवलिंग पर तांबे का सर्प अनुष्ठान पूर्वक चढ़ाएं। साथ ही पितरों के मोक्ष के उपाय करें। श्राद्ध पक्ष में पितरों का श्राद्ध करें।
-पुष्प नक्षत्र को महादेव पर जल एवं दुग्ध चढ़ाएं तथा रुद्र का जप एवं अभिषेक करें। ओम हर हर महादेव कहते हुए अभिषेक करें।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। UP varta news इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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