Pakistani Woman: कोर्ट से पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और उसके उत्तर प्रदेश निवासी सचिन को जमानत प्राप्त हो चुकी है. सीमा ने दावा किया है कि उसने नेपाल के मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से ब्याह रचाया. उसने अपने बच्चों का और खुद का धर्म भी बदल लिया है वह पाकिस्तान वापस जाना नहीं चाहती है सचिन के साथ भारत में ही निवास करना चाहती है, जिसके लिए उसने सरकार से भारत की नागरिकता प्राप्त करने की गुहार भी लगाई है.
क्या सीमा को मिलगी भारतीय नागरिकता
अब सवाल यह उठता है कि क्या भारतीय नागरिकता पाक महिला को मिलनी चाहिए. जानकारों के अनुसार पाकिस्तानी महिला सीमा को नागरिकता देने से पहले यह देखा जाएगा कि क्या उनकी शादी वैध है? यदि शादी वैध है और वह भारत की नागरिकता की मांग करती है, तो सरकार मानवता या दया के आधार पर नागरिकता दे सकती है.
पहले भी इस तरह के बहुत से मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें पीड़ित अपने दश वापस जाने से जान को खतरा बताकर सरकार से भारत में रहने के लिए नागरिकता की मांग कर चुके हैं. हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला सरकार को लेना है.
भारतीय नागरिक सचिन से एक महिला ने शादी की और वैध शादी है, तो सरकार को उसे ना देने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए. फिलहाल पुलिस ने महिला पर अवैध रूप से भारत में आने का केस दर्ज कर लिया है. उसकी जांच चल रही है, लेकिन महिला यदि भारत की नागरिकता के लिए मांग करती है, तो उसे दी जा सकती है.
बच्चों के लिए उन्हें अडॉप्शन डील करानी पड़ेगी, जिसके अंतर्गत बच्चों को उनके साथ रहने की परमिशन दी जाएगी और आगे उन्हें भी नागरिकता यहां की मिल सकती है.
अब आइए जानते हैं कि कानून के हिसाब से भारत का नागरिक कौन होता है यहां की नागरिकता किस आधार पर किसी को दी जा सकती है
-भारत की नागरिकता उन्हीं लोगों को प्राप्त होती है जो 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में पैदा हुए, फिर चाहे उनके माता पिता कहीं के भी हो.
– भारत की नागरिकता रजिस्ट्रेशन के माध्यम से उसे हासिल हो सकती है, जो भारतीय मूल का व्यक्ति आवेदन करने के 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो. कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति जो अविभाजित भारत के अलावा किसी दूसरे देश में रह रहा हो उसको भी भारत की नागरिकता मिल सकती है.
-वंशज होने के नाते इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति जिनके माता या पिता जन्म के भारतीय नागरिक है,लेकिन उनका खुद का जन्म किसी दूसरे देश में हुआ हो. वह भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं.
देशीकरण के हिसाब से कोई भी व्यक्ति यदि 12 साल तक भारत में रहे और नागरिकता के लिए आवेदन के पहले लगातार 1 साल तक भारत में रहा हो, उसे नागरिकता हासिल हो सकती है.
इस तरह बर्खास्त हो सकती है भारत की नागरिकता
– अगर कोई इंसान भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी और देश की नागरिकता ग्रहण करना चाह रहा है और कर लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता अपने आप ही नष्ट हो जाएगी.
– यदि कोई भारतीय नागरिक अपनी इच्छा से अपनी नागरिकता को त्याग कर देता है, तो उसकी नागरिकता समाप्त हो जाएगी.
इन शर्तों के आधार पर भारत सरकार को भी नागरिकों की नागरिकता समाप्त करने का अधिकार है
-अगर व्यक्ति 7 वर्षों से लगातार भारत के बाहर रह रहा हो तो.
-अगर यह साबित हो जाता है कि व्यक्ति ने अवैध तरीके से भारतीय नागरिकता प्राप्त की है तो.
-अगर कोई व्यक्ति देश विरोधी गतिविधियों में जुड़ा हुआ है तो .
-अगर व्यक्ति भारतीय संविधान का सम्मान नहीं करता है तो.
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