UP News: उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा को लेकर तंज कसते हुए एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अखिलेश ने कहा कि अगर पीएम मोदी चीन जा रहे हैं, तो उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अपने साथ ले जाना चाहिए। उनके इस बयान ने भाजपा पर विपक्षी हमले की धार को और तेज कर दिया है।
“चीन जाकर सीखें प्रशासन चलाना” – अखिलेश का तीखा वार
अखिलेश यादव का ये बयान महज़ एक राजनीतिक कटाक्ष नहीं, बल्कि यूपी की वर्तमान कानून व्यवस्था और विकास के मॉडल पर सीधा सवाल है। उन्होंने कहा कि अगर यूपी को सही मायनों में प्रगति की राह पर ले जाना है, तो योगी जी को विदेश जाकर सीख लेनी चाहिए कि आधुनिक तकनीक और सोच से कैसे प्रशासन चलता है। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने यह भी जोड़ दिया कि चीन जैसी जगहों पर जाकर सीएम योगी को “नफरत की राजनीति” से बाहर निकलने की प्रेरणा मिल सकती है। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
“राजनीतिक रणनीति या बयानबाज़ी?”
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अखिलेश यादव ने यह बयान एक सोची-समझी रणनीति के तहत दिया है। जहां भाजपा चीन के साथ बढ़ते कूटनीतिक रिश्तों को अपनी उपलब्धि मान रही है, वहीं अखिलेश ने इस मौके पर सीधा वार करके सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की है। यूपी में आगामी चुनावों को देखते हुए यह बयान सियासी जमीन तैयार करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि भाजपा की ओर से इस पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के समर्थक इसे “बचकाना बयान” कहकर खारिज कर रहे हैं।
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