Allahabad High Court News: आजकल लिवइन रिलेशनशिप में रहना तो आम बात हो गई है। नई युवा पीढ़ी ज्यादातर लिव इन रिलेशन में रहना चाहती है। हालांकि अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशन पर अपनी अहम टिप्पणी देते हुए नाराजगी जाहिर की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, युवाओं को लिव इन में रहना लुभाता है लेकिन सामाजिक स्वीकृति के अभाव में ऐसे युवा हताश रहते हैं। अदालत ने कहा कि फिल्म और टीवी सीरियल समाज में गंदगी फैला रहे हैं। हर सीजन में पार्टनर बदलने एक स्थिर व सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है।
हाई कोर्ट ने दी बड़ी टिप्पणी
दरअसल हाई कोर्ट ने एक रेप केस आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है। नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी अदनान का कहना था कि 1 साल पहले तक लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे गर्भवती होने के बाद पीड़िता ने उसे पर दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। जिस पर जस्टिस सिद्धार्थ ने अपनी टिप्पणी करते हुए कहा,’ऊपरी तौर पर लाइव इन का रिश्ता बहुत ही आकर्षक लगता है लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है और मध्यवर्गीय सामाजिक नैतिकता मानदंड उनके चेहरे पर नजर आने लगते हैं। ऐसे जोड़ों को धीरे-धीरे एहसास होता है कि उनके रिश्ते को कोई सामाजिक स्वीकृत नहीं है विवाह किसी व्यक्ति को जो सुरक्षा सामाजिक स्वीकृति प्रगति और स्थिरता प्रदान करती है वह लिव इन रिलेशनशिप द्वारा कभी प्रदान नहीं की जा सकती।’
महिलाओं को करना पड़ता है चुनौतियों का सामना
वही जस्टिस सिद्धार्थ ने आगे कहा,’लिव इन रिलेशनशिप से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों विशेष कर महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता। है उन्हें अक्सर सामाजिक स्वीकृति हासिल करना मुश्किल हो जाता है।’ हालांकि कोर्ट ने आरोपी अदनान को सशर्त जमाना दे दी है
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