Friday, December 5, 2025
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इमरजेंसी वार्ड में बेड पर मिली लाश, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भड़के – डॉक्टर का जवाब सुन आगबबूला हुए

यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी वार्ड पहुंचे तो बेड पर मृत मरीज मिला। डॉक्टरों के जवाब ने उन्हें नाराज़ कर दिया।

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उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक रविवार को एक मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण कर रहे थे। उनका उद्देश्य अस्पताल की व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति समझना था। जब वे इमरजेंसी वार्ड की ओर बढ़े तो उन्होंने देखा कि एक मरीज बेड पर अचेत अवस्था में पड़ा है। करीब से जांच करने पर पता चला कि वह मरीज मृत अवस्था में पड़ा था और उसकी मौत दो घंटे पहले हो चुकी थी। यह देखकर पूरे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई दे रही थी। जिस इमरजेंसी वार्ड में हर सेकंड मायने रखता है, वहां एक शव घंटों तक बेड पर पड़ा रहा और किसी ने उसे बाहर नहीं निकाला। यह दृश्य देखकर डिप्टी सीएम का गुस्सा फूट पड़ा।

डॉक्टर से सवाल पूछा तो मिला चौंकाने वाला जवाब

डिप्टी सीएम ने तुरंत ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर से पूछा कि “यह मरीज कब से यहां पड़ा है?”
डॉक्टर ने बताया कि मरीज को सुबह ही दूसरी सुविधा के लिए रेफर कर दिया गया था, लेकिन उसके पास वहाँ तक जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं था। यही वजह थी कि वह इमरजेंसी वार्ड में ही पड़ा रहा और उसकी वहीं मौत हो गई।

सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि मौत होने के बावजूद भी अस्पताल कर्मियों ने उसे इमरजेंसी से बाहर नहीं निकाला। न ही परिवार वालों की मदद की गई और न ही मृतक को सम्मानपूर्वक संभाला गया। डॉक्टर का यह रवैया देखकर उपमुख्यमंत्री का पारा चढ़ गया। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि इतनी लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डिप्टी सीएम का सख्त निर्देश – “मेरी गाड़ी से पहुंचाओ बॉडी”

घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों को डांटते हुए बृजेश पाठक ने कॉलेज के प्राचार्य को तत्काल आदेश दिया कि “किसी भी तरह मृतक की बॉडी को उसके घर तक पहुंचाया जाए।”
उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल के पास वाहन उपलब्ध नहीं हैं, तो कॉलेज प्रशासन अपनी निजी गाड़ी भी इस्तेमाल करे, लेकिन शव को इमरजेंसी में पड़े रहने देना अमानवीय है।
डिप्टी सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में किसी भी मरीज को रेफर करते समय उन्हें सुरक्षित पहुंचाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बिना एम्बुलेंस या साधन उपलब्ध कराए मरीज को रेफर करना गंभीर लापरवाही माना जाएगा।

अस्पतालों में लापरवाही पर बड़ा सवाल

यह घटना एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था को उजागर करती है। इमरजेंसी वार्ड में घंटों तक शव का पड़ा रहना केवल कुप्रबंधन ही नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ भी है।
डिप्टी सीएम ने अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है और चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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