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सीएम योगी के प्रमुख सचिव ने गिरोह बनाकर दुराचार जैसे फर्जी मुकदमे में फंसाने वाले लोगों की जांच के दिये निर्देश

इस मामले को लेकर गौर थाना क्षेत्र के ढोढरी निवासी शशिकांत पुत्र स्वर्गीय रामचंद्र ने मुख्यमंत्री से शिकायत पत्र चाहते हुए कहा था कि जनपद में अनेक लोग षड्यंत्रकारियों के चंगुल में फंसकर तबाह और बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने बताया गौर थाना क्षेत्र के ढोढरी निवासी दिलीप कुमार पुत्र सिद्धनाथ गैंग के सरगना के रूप में सक्रिय हैं।

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Basti News: बस्ती में महिलाओं को मोहरा बनाकर दुराचारी जैसे मामले में लोगों को फंसा कर उनसे ठगी करने वाले गिरोह के मामले में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने संज्ञान लेते हुए आईजी बस्ती को जांच के निर्देश दिए। बस्ती में महिलाओं को रुपया दिलाने का लालच देकर निर्दोष लोगों को फंसाने वाला गैंग काफी सक्रिय हो गया है। जिसको लेकर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने आईजी बस्ती को मामले की जांच सौंपी है। इस मामले को लेकर गौर थाना क्षेत्र के ढोढरी निवासी शशिकांत पुत्र स्वर्गीय रामचंद्र ने मुख्यमंत्री से शिकायत पत्र चाहते हुए कहा था कि जनपद में अनेक लोग षड्यंत्रकारियों के चंगुल में फंसकर तबाह और बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने बताया गौर थाना क्षेत्र के ढोढरी निवासी दिलीप कुमार पुत्र सिद्धनाथ गैंग के सरगना के रूप में सक्रिय हैं।

महिलाओं को फंसा कर दर्ज कराता है झूठे मुकदमे

ढोढरी निवासी शशिकांत पांडेय ने शिकायत पत्र देते हुए बताया कि, दिलीप पांडेय सहित गैंग के कुछ लोगों ने पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र की करमा निवासी मिथिलेश को अपने जाल में फंसा कर कुछ लोगों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करवाया। मिथिलेश ने एसपी से शपथ पत्र और प्रार्थना पत्र देते हुए कहा था कि वह 20 जुलाई को अपने काम से बस्ती कचहरी गई थी जहां पर दिलीप पांडे सहित दो लोग मिले जो अपने आप को पत्रकार बता रहे थे। उन्होंने हमसे कहा तुम्हारा कौन सा काम है जो नहीं हो रहा है तुम हमारा एक काम कर दो। हम तुम्हें पैसे दिलवा देंगे और तुम्हारा काम भी करवा देंगे। उसके बाद दिलीप पांडे एक प्रार्थना पत्र टाइप करके ले और उसे पर उससे हस्ताक्षर करने के लिए कहा। उस महिला ने बिना पढ़े उस पर हस्ताक्षर कर दिए। जब बाद में दिलीप पांडे ने बताया तब उसने मना कर दिया। लेकिन दिलीप पांडे सहित वह लोग उसे धमकाने और डराने लगे। वहीं महिला ने प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि उसके साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ है जो 20 जुलाई को प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक को दिया गया था वह गलत है। उसके द्वारा दिए गए पत्र में जितेंद्र पांडे व शशिकांत तथा नंदकिशोर यादव निर्दोष हैं।

गिरोह की वजह से बदनाम होती है महिलाएं

वही शशिकांत पांडे ने एक और घटना के बारे में बताते हुए कहा कि थाना पुरानी बस्ती निवासिनी मदारजोत ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र में बताया कि उसके गांव में कुछ लोग समूह के नाम कुछ लोगों से तथा उस आधार कार्ड,फोटो तथा सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए। दिलीप पांडे व उनके दोनों साथी पूरी फाइल तैयार करके लेकर आए और उन लोगों के नाम से कोर्ट में फर्जी झूठे मुकदमे अनजान व्यक्तियों पर दर्ज करवाते हैं। फिर सुलह समझौता के नाम पर पैसे वसूलते हैं। इन लोगों की वजह से हमारी जैसी महिलाओं को बदनाम होना पड़ता है। वही ये महिलाएं दिलीप पांडेय सहित पूरे गैंग के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर चुकी है।

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