Ayodhya News: आज रामनवमी के दिन राम की नगरी अयोध्या में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला है। अयोध्या में विराजे रामलला की यह पहली रामनवमी थी जिसे बड़े ही धूमधाम से मनाया गया है। रामनवमी के दिन सूर्यवंशी भगवान का सूर्य की किरणों से तिलक हुआ है। 33
धूमधाम से मनाया गया राम जन्मोत्सव
दोपहर 12:00 से राम मंदिर के गर्भगृह में शंखनाद और घंटे घड़ियालों की पवित्र गंज के बीच प्रभु राम का सूर्य तिलक प्रारंभ हुआ, जो 4 मिनट तक पड़ा मंदिर में मौजूद भक्त इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। सूर्य तिलक के लिए कुछ दिन पहले ही सफलतापूर्वक टेस्टिंग भी हो चुकी थी। रामलला के सूर्य तिलक के लिए एक वैज्ञानिक पद्धति अपनाई जा रही है इसके तहत दोपहर 12:00 सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ी और 4 मिनट तक तिलक किया। इसके लिए जो पद्धति अपनाई गई है उसमें सूर्य की रोशनी मंदिर के तीसरे स्थल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ी। फिर यहां से रोशनी ने परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश किया।
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4 मिनट तक सूर्य की किरणों ने किया तिलक
पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हुई। पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरणें तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरी और फिर एक लंबे पाइप से होते हुए गर्भगृह वाले सिरे पर लगे शीशे से टकराई और सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक लगाया। सूर्य ने चार मिनट तक भगवान श्री राम का तिलक किया। उसके बाद रामलाल की विशेष आरती की गई।
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