लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी कमर कस के बैठी है. हर पार्टी जीत के तमाम दावे कर रही है, लेकिन इन सबके बीच एक शख्स ऐसे भी हैं जिन्हें न तो जीत की चिंता है और न ही हार की. उनके लिए अगर कुछ जरूरी है तो बस ये कि उन्हें चुनाव लड़ना है. दरअसल, जिस शख्स की हम बात कर रहे हैं उनकी नाम श्यामबाबू सुबुधी है और वो ओडिशा के रहने वाले है. उनकी कहानी इतनी दमदार है कि आप भी शायद उसे पसंद करें.
28 चुनाव में हार लेकिन हौंसला बुलंद
ओडिशा के श्यामबाबू सुबुधी का पसंदीदा शौक है चुनाव लड़ना. वो अब तक 28 चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, उन्हें इन सभी चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है. बावजूद इसके उनका हौसला अब भी बुलंद है. श्यामबाबू 84 साल के हो चुके हैं और एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं. उन्होंने इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए ऐलान किया है कि वो गंजम जिले की असका और बरहामपुर सीटों से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. 1957 से लेकर अब तक वो 10 बार विधानसभा और 9 बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं.
क्या कहते हैं श्यामबाबू
पेशे से होमियोपैथी डॉक्टर श्यामबाबू सुबुधी ने कहा कि ‘मैंने मंत्री नायक के खिलाफ हिंजली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गया था. तब मैं केवल 22 साल का था. मैंने 1962 से लोकसभा चुनाव लड़ना शुरू किया था. चुनाव लड़ना ही मेरा एकमात्र जुनून है. हार-जीत को भूलकर मेरे लिए चुनाव लड़ना ही मायने रखता है. मुझे उम्मीद है कि एक दिन लोग मुझे अपने प्रतिनिधि के तौर पर चुनेंगे.’ दरअसल, श्यामबाबू जितना भी कमाते हैं उसका ज्यादातर हिस्सा वो चुनाव में खर्च कर देते हैं. हालांकि, उनका कहना है कि उन्हें पब्लिक भी चुनाव लड़ने के लिए फंड देती है.
इन बड़े दिग्गजों के खिलाफ लड़ा चुनाव
श्यामबाबू ने जिनके खिलाफ भी अब तक चुनाव लड़ा है. वो राजनीति के कई बड़े नामों में से एक है. इस लिस्ट में पूर्व पीएम पी.वी. नरसिम्हा राव, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, ओडिशा के पूर्व सीएम बीजू पटनायक और जे.बी. पटनायक, पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर साहू और रामचंद्र रथ शामिल हैं. श्यामबाबू की पत्नी का पिछले साल निधन हो चुका है और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. ये भी पढ़ें: यूपी: गोरखपुर में मानव तस्करी, पुलिस ने एक महिला को अरेस्ट किया