उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक ऐसा बड़ा फैसला लिया है जिसने पूरे उद्योग जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वह व्यवस्था खत्म कर दी गई है, जिसमें जिलाधिकारियों यानी DM को कुछ मामलों में अंतिम निर्णय का अधिकार था। नई संशोधित नीति के तहत अब प्लेज योजना से जुड़े कई नियम बदले गए हैं, खासकर उन उद्योगों के लिए, जो छोटे और मध्यम स्तर पर जमीन लेकर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। सबसे बड़ी राहत यह है कि अब प्लेज पार्क सिर्फ 12 मीटर चौड़ी सड़क पर ही नहीं, बल्कि 7 मीटर चौड़ी सड़क पर भी बनाए जा सकेंगे। यह बदलाव उन हजारों निवेशकों के लिए राहत लेकर आया है जो पहले सड़क की चौड़ाई के कारण परियोजनाओं को शुरू ही नहीं कर पा रहे थे। सरकार का दावा है कि नई नीति से उद्योगों की स्थापना की प्रक्रिया और तेज होगी और प्रदेश में निवेश का माहौल और मजबूत बनेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े बदलाव के बाद राज्य में MSME सेक्टर को विशेष रूप से बड़ा फायदा मिल सकता है, क्योंकि छोटी इकाइयों को पहले नियमों के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ता था।
12 मीटर की बाध्यता खत्म, निवेशकों के लिए रास्ता आसान
औद्योगिक निवेश को लेकर कई वर्षों से चली आ रही सड़क चौड़ाई की अनिवार्यता अब अतीत बन गई है। पहले प्लेज पार्क बनाने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क होना अनिवार्य था, लेकिन अब यह शर्त हटा दी गई है। कैबिनेट के नए निर्णय के अनुसार, अब 7 मीटर चौड़ी सड़क पर भी प्लेज पार्क विकसित किया जा सकता है, जिससे छोटे और मध्यम निवेशकों के लिए अवसरों के नए द्वार खुलने वाले हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यूपी के कई औद्योगिक इलाकों में 12 मीटर सड़क की उपलब्धता काफी कम थी, जिसकी वजह से बड़े प्रोजेक्ट भी जमीन पर नहीं उतर पा रहे थे। नई नीति से यह बाधा दूर हो गई है और अब उद्योग पतियों को अपनी परियोजनाओं को लागू करने में DM की स्वीकृति या सड़क की चौड़ाई जैसी अड़चनों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उद्योग एवं अवसंरचना विकास विभाग का मानना है कि अगले कुछ महीनों में निवेश प्रस्तावों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है और इससे प्रदेश के औद्योगिक नक्शे में नई चमक आएगी। MSME कारोबारियों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह कदम ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नई औद्योगिक इकाइयों के विकास को मजबूत करेगा।
प्लेज योजना में बड़े संशोधन
योगी सरकार की प्लेज योजना में किए गए संशोधन न सिर्फ उद्योगपतियों की सुविधा बढ़ाएंगे बल्कि रोजगार के अवसरों को भी दोगुना कर सकते हैं। पहले सड़क की बाध्यता, DM की अनुमति और तकनीकी औपचारिकताओं के कारण कई परियोजनाएं वर्षों तक अटकी रहती थीं, लेकिन अब नियमों को सरल बनाकर प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत प्लेज पार्क के लिए जमीन उपयोग, स्वीकृति और विकास की प्रक्रिया को डिजिटल किया जा रहा है ताकि निवेशकों को एक खिड़की से सभी सेवाएँ मिल सकें। इससे युवा उद्यमियों को नई उद्योग इकाइयाँ लगाने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार का दावा है कि संशोधित नीति न सिर्फ उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी, बल्कि राज्य में निवेश का वातावरण और स्थिर होगा। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय यूपी में औद्योगिक क्रांति की नई शुरुआत साबित हो सकता है क्योंकि अब छोटे उद्योग गांवों और कस्बों में भी आसानी से स्थापित हो पाएंगे। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में यह बदलाव लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
