वैज्ञानिकों ने अंधेपन के मरीजों के लिए एक ऐसा चमत्कार पेश किया है, जिसे देखकर मेडिकल और टेक्नोलॉजी की दुनिया दोनों हैरान हैं। लंदन के Moorfields Eye Hospital और यूरोप के अन्य प्रमुख मेडिकल सेंटरों के शोधकर्ताओं ने Retina Microchip Implant यानी रेटिना माइक्रोचिप का विकास किया है, जो कानूनी तौर पर अंधे व्यक्तियों को देखने की क्षमता वापस दे सकता है। यह माइक्रोचिप आकार में सिर्फ चावल के दाने जितना है, लेकिन इसके अंदर की फोटोवोल्टाइक तकनीक इतनी पावरफुल है कि यह रेटिना के नीचे जाकर नर्व्स को इलेक्ट्रिकल सिग्नल भेजती है, जिससे मस्तिष्क को इमेजिंग में मदद मिलती है।
सपनों की दुनिया में कदम
इस माइक्रोचिप को इम्प्लांट करने के बाद कई मरीजों ने पहली बार अपने हाथों की उंगलियों को, अपने परिवार के चेहरे और रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीज़ों को पहचानने की क्षमता हासिल की। डॉक्टरों के अनुसार, यह प्रक्रिया दर्द रहित है और ऑपरेशन के कुछ ही हफ्तों में मरीज धीरे-धीरे देखने लगते हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि यह तकनीक न केवल अंधेपन के इलाज में क्रांतिकारी साबित होगी, बल्कि भविष्य में इसे और भी छोटे, अधिक पावरफुल और सहज उपयोगी बनाने पर काम किया जा रहा है।
भविष्य की आंखें
विशेषज्ञों का कहना है कि यह माइक्रोचिप सिर्फ रेटिना रोगियों के लिए ही नहीं, बल्कि आंखों से संबंधित कई गंभीर बीमारियों में भी उम्मीद की किरण साबित हो सकती है। तकनीकी और बायोमेडिकल इंजीनियर्स इसे और उन्नत बनाने पर काम कर रहे हैं ताकि इसे और अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस खोज ने साबित कर दिया है कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी का सही मेल किसी भी अंधकार को दूर कर सकता है और इंसान को उसकी खोई हुई दुनिया वापस दे सकता है।
