Sunday, December 7, 2025
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स्मोकिंग छोड़ने के बाद भी जा सकती है जान! कहीं आप भी तो नहीं चबा रहे जहर? स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

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आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग तनाव या आदत के कारण सिगरेट और तंबाकू को साथी बना चुके हैं। लेकिन एक ताज़ा हेल्थ स्टडी ने जो सच सामने रखा है, वो बेहद चिंताजनक है। रिसर्च में पाया गया है कि सिगरेट की तुलना में तंबाकू का असर शरीर पर कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है।
जहां सिगरेट का कुछ धुआं हवा में उड़ जाता है, वहीं तंबाकू सीधे हमारे मुंह की कोशिकाओं (oral cells) पर हमला करता है। इससे वे सेल्स धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं और उनका डीएनए बदल जाता है। यही बदलाव आगे चलकर कैंसर सेल्स बनने की शुरुआत करता है।

भारत जैसे देशों में जहां लोग गुटखा, खैनी और पान मसाले का सेवन रोज़ाना करते हैं, वहां ओरल कैंसर के केस रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि तंबाकू मुंह की त्वचा को धीरे-धीरे जलाने लगता है और उसके लगातार इस्तेमाल से कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

धीरे-धीरे मारने वाला जहर है तंबाकू

हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्मोकलेस तंबाकू में निकोटीन, नाइट्रोसामाइन और भारी धातुएं (heavy metals) जैसे खतरनाक तत्व पाए जाते हैं। ये पदार्थ मुंह के अंदर के टिश्यू को सड़ा देते हैं और शुरू में हल्की जलन, सफेद धब्बे या छोटे घाव के रूप में दिखाई देते हैं। लेकिन कुछ महीनों में यही घाव ओरल कैंसर का रूप ले लेते हैं।

इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल रिसर्च की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 70 प्रतिशत ओरल कैंसर के केस सीधे तंबाकू सेवन से जुड़े हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि तंबाकू के लगातार उपयोग से गले, जीभ, फेफड़ों और यहां तक कि पेट तक में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि तंबाकू के हर “चबाने” के साथ कैंसर की एक नई परत शरीर के अंदर बनती जाती है — जो बाहर से दिखाई नहीं देती, लेकिन अंदर से शरीर को खोखला करती रहती है।

अब भी वक्त है, छोड़ दीजिए ये ज़हर

डॉक्टर्स चेतावनी दे रहे हैं कि तंबाकू को “स्मोकलेस” समझकर लोग सुरक्षित मान बैठते हैं, जबकि यह सोच सबसे बड़ा भ्रम है। तंबाकू भले ही धुआं न छोड़ता हो, लेकिन इसमें मौजूद रसायन शरीर में वह आग ज़रूर लगा देते हैं, जो धीरे-धीरे जिंदगी को राख में बदल देती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “Silent Killer” बताया है, क्योंकि इसके नुकसान लंबे समय बाद सामने आते हैं। अगर अब भी लोग नहीं जागे, तो आने वाले वर्षों में तंबाकू से होने वाला कैंसर भारत की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन सकता है।

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