अब वो दिन दूर नहीं जब आप एक ही सुरंग में कार चला रहे होंगे और बगल से तेज़ रफ्तार ट्रेन भी गुज़र जाएगी! मोदी सरकार अब देश में ऐसे ‘रेल-रोड कॉम्बो टनल्स’ बना रही है, जिनमें कार, बस और ट्रेन एक साथ चलेंगी – लेकिन अपने-अपने ट्रैकों पर। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और रेलवे मंत्रालय ने मिलकर तीन मेगा टनल प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू कर दिया है। इन सुरंगों से न सिर्फ ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा, बल्कि सामरिक और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी भी सुपरफास्ट हो जाएगी।
पहला टनल: सिलीगुड़ी का ‘चिकन नेक कॉरिडोर’, 22 KM लंबी सुरंग
भारत के नॉर्थ ईस्ट को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाला सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी ‘चिकन नेक’ अब नया रूप लेने जा रहा है। यहां 22 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है जो रोड और रेल, दोनों के लिए एक कॉमन टनल होगी। इस इलाके की रणनीतिक अहमियत को देखते हुए यह प्रोजेक्ट बेहद ज़रूरी माना जा रहा है। युद्धकाल या आपात स्थिति में यह टनल सेना के लिए भी गेमचेंजर साबित हो सकती है। इससे सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने में समय भी बचेगा और संसाधनों की डिलीवरी भी तेज़ होगी।
दूसरी सुरंग ब्रह्मपुत्र के नीचे, तीसरी शिराडी घाट में
दूसरा प्रोजेक्ट असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एक अंडरवॉटर टनल का है जो गोहपुर को नुमलीगढ़ से जोड़ेगा। इस टनल में भी रोड और रेल दोनों के लिए अलग लेन बनेगी। यह देश की पहली मल्टी-मोडल अंडरवॉटर सुरंग होगी। तीसरी सुरंग दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में मारनाहल्ली-अड्डाहोले (शिराडी घाट) के बीच बनाई जाएगी। NH-75 पर प्रस्तावित यह सुरंग लगभग 21 किलोमीटर लंबी होगी और इससे वेस्टर्न घाट के दुर्गम रास्तों में सफर और ट्रांसपोर्ट दोनों आसान होंगे। ये सुरंगें आने वाले समय में भारत की बुनियादी ढांचे की तस्वीर ही बदल सकती हैं।
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