Vastu Tips: तुलसी का पौधा भारतीय संस्कृति में पवित्रता और धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जाता है। इसे देवी तुलसी का स्वरूप मानकर घर में पूर्व या उत्तर दिशा में लगाया जाता है। दूसरी ओर, एलोवेरा अपनी औषधीय खूबियों के कारण घर-घर में लोकप्रिय है। इसकी पत्तियों में मौजूद जैल त्वचा, बाल और पाचन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। हालांकि, वास्तु शास्त्र में पौधों को लगाने के नियम सिर्फ स्वास्थ्य लाभ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनके ऊर्जा प्रभाव पर भी आधारित होते हैं।
अलग ऊर्जा, अलग दिशा
वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि तुलसी और एलोवेरा की ऊर्जा प्रकृति अलग होती है। तुलसी सूर्य से जुड़ी गर्म और सकारात्मक ऊर्जा देती है, जबकि एलोवेरा चंद्रमा से संबंधित ठंडी और शांत ऊर्जा फैलाता है। अगर इन्हें गलत दिशा में या एक ही गमले में लगाया जाए, तो यह ऊर्जा संतुलन को बिगाड़ सकता है। इसलिए तुलसी को हमेशा घर के आंगन या मंदिर के पास पूर्व/उत्तर दिशा में और एलोवेरा को पश्चिम/दक्षिण दिशा में लगाने की सलाह दी जाती है।
गार्डनिंग ट्रेंड से ज्यादा जरूरी है वास्तु संतुलन
आजकल लोग गार्डनिंग में ट्रेंड और सजावट के लिए कई तरह के पौधों को एक साथ लगाते हैं। लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बिना वास्तु नियम जाने ऐसा करना घर की ऊर्जा पर नकारात्मक असर डाल सकता है। तुलसी और एलोवेरा को साथ लगाना देखने में भले ही सुंदर लगे, लेकिन ऊर्जा दृष्टि से इन्हें अलग रखना बेहतर है। सही स्थान और दिशा में लगाए गए पौधे न सिर्फ आपके घर का सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि भी लाते हैं।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। UP Varta News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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