अयोध्या के श्रीराम मंदिर में मंगलवार, 25 नवंबर को होने वाला धर्म ध्वज स्थापना समारोह देशभर का ध्यान आकर्षित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से इस अवसर पर अयोध्या पहुंचेंगे और अभिजीत मुहूर्त के दौरान मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज का आरोहण करेंगे। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराई जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी मंदिर पहुंचकर पहले रामलला और राम दरबार के दर्शन करेंगे, फिर परकोटे में बने छह छोटे मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद ध्वजारोहण करेंगे। पूरे मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है और तोरण द्वारों से प्रवेश मार्गों को विशेष रूप से अलंकृत किया गया है।
चार मिनट में पूरा होगा ध्वजारोहण
ध्वजारोहण की प्रक्रिया बेहद सटीक तरीके से तय की गई है। शरद शर्मा के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त 12:10 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा, जिसमें पीएम मोदी बटन दबाकर ध्वज फहराएँगे। यह पूरा कार्यक्रम लगभग चार मिनट में पूरा होगा। मंदिर का शिखर 161 फीट ऊँचा है और उसके शीर्ष पर 30 फीट लंबे ध्वज-दंड पर केसरिया धर्म ध्वज स्थापित किया जाएगा। ध्वज पर ‘कोविदार वृक्ष’, ‘सूर्यवंश का प्रतीक’ और ‘ॐ’ का चिन्ह अंकित होगा। रिहर्सल के दौरान थल सेना की तकनीकी सहायता ली गई, ताकि सुरक्षा और व्यवस्था से जुड़ा हर पहलू सुनिश्चित रहे। यह ध्वज आधुनिक इलेक्ट्रिक सिस्टम से जुड़ा है, जिससे प्रधानमंत्री के बटन दबाते ही ध्वज स्वचालित रूप से शिखर पर लहराने लगेगा।
अयोध्या में सुरक्षा अभेद्य
ध्वज स्थापना कार्यक्रम को देखते हुए पूरे अयोध्या में सुरक्षा के अत्यंत कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस बल, विशेष इकाइयों और बम निरोधक दस्ता समेत कई टीमें तैनात की गई हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस अधीक्षक स्तर के 30 अधिकारी, 90 पुलिस उपाधीक्षक, 242 उपनिरीक्षक, 1,060 निरीक्षक, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल और 448 महिला हेड कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 800 से अधिक यातायात कर्मी भी ड्यूटी पर रहेंगे, ताकि शहर में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को सुगमता से संभाला जा सके। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर फील्ड टीमें तक एकीकृत समन्वय में काम कर रही हैं। पूरे क्षेत्र में निगरानी के लिए हाई-टेक कैमरे, ड्रोन और कंट्रोल रूम सक्रिय हैं।
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