Friday, December 5, 2025
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पैसा बचाने के 7 ऐसे फॉर्मूले जो हर परिवार को पता होने चाहिए

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आज के समय में पैसा कमाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उसे समझदारी से बचाना। बहुत से लोग महीने के अंत में बचत करने की सोचते हैं — और यहीं सबसे बड़ी गलती हो जाती है। असली मंत्र है: “पहले बचत, फिर खर्च।” अपनी मासिक इनकम का कम से कम 20% हिस्सा एक ऑटोमैटिक SIP या सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करें। इस छोटे से कदम से न सिर्फ फाइनेंशियल डिसिप्लिन बनता है बल्कि लंबे समय में एक मजबूत ‘सेफ्टी नेट’ भी तैयार होता है।

इसके अलावा जरूरतों और इच्छाओं में फर्क करना भी जरूरी है। जब आप ‘इच्छाओं’ को फिल्टर करना शुरू करेंगे तो खर्च खुद-ब-खुद घटेगा। कई परिवार हर महीने बिना सोचे-समझे छोटे-छोटे खर्च कर देते हैं — जो साल के अंत में बड़ी रकम बन जाती है।

इमरजेंसी फंड और समझदार निवेश से बनाएं सुरक्षा कवच

हर परिवार को इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए — कम से कम 3 से 6 महीने का खर्च एक अलग खाते में होना चाहिए। यह फंड तब काम आता है जब कोई मेडिकल इमरजेंसी या अचानक नौकरी में बदलाव जैसी स्थिति बनती है।

इसके साथ ही अगर आप निवेश शुरू नहीं कर रहे तो आज ही शुरुआत करें। म्यूचुअल फंड SIP जैसे ऑप्शन लंबे समय में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। छोटे अमाउंट से शुरू करें — ₹500 या ₹1000 की SIP भी आगे चलकर मजबूत पूंजी में बदल सकती है। साथ ही हाई-इंटरेस्ट लोन (जैसे क्रेडिट कार्ड बिल) को प्राथमिकता से खत्म करें, ताकि ब्याज में फालतू पैसा न जाए।

टैक्स सेविंग को नज़रअंदाज़ करना भी एक बड़ी गलती होती है। ELSS और PPF जैसे स्कीम में निवेश कर न केवल टैक्स बचाया जा सकता है बल्कि एक पक्का रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है।

रिव्यू, ट्रैकिंग और ‘नो स्पेंड डे’ से बनें फाइनेंशियली स्मार्ट

बचत और निवेश कोई एक दिन का खेल नहीं है। साल में कम से कम एक बार अपनी फाइनेंशियल स्थिति का रिव्यू ज़रूर करें। देखें कौन से खर्च गैर-ज़रूरी हैं और कौन से इन्वेस्टमेंट को बेहतर किया जा सकता है।

हर महीने कम से कम एक ‘नो स्पेंड डे’ रखें — यानी एक ऐसा दिन जब कोई भी अनावश्यक खर्च न हो। इससे न केवल खर्च कम होता है बल्कि मानसिक रूप से ‘फाइनेंशियल कंट्रोल’ भी मजबूत होता है। इसके अलावा अनावश्यक सब्सक्रिप्शन (जैसे OTT, जिम या प्रीमियम ऐप्स) पर भी नज़र रखें — ये भी बड़ी रकम का कारण बनते हैं।

और सबसे अहम — बच्चों को भी बचत और बजट का महत्व सिखाएं। जब परिवार के सभी सदस्य वित्तीय अनुशासन में रहेंगे तो भविष्य और भी सुरक्षित होगा।

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