हरियाणा के नूंह जिले में पाकिस्तानी जासूसी के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। वकील रिज़वान को हिरासत में लिए जाने के बाद अब उनके साथी वकील मुशर्रफ उर्फ़ परवेज को भी पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के इस एक्शन के बाद पूरे इलाके में चर्चा तेज हो गई है। दोनों वकीलों पर पाकिस्तान के लिए गोपनीय जानकारी साझा करने के गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि परिवार इन आरोपों को पूरी तरह से गलत बता रहा है और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।
देर रात पुलिस की दबिश
सूत्रों के मुताबिक, रात करीब 1 बजे दो पुलिस गाड़ियां परवेज के घर पहुंचीं। दर्जनभर से अधिक हथियारबंद पुलिसकर्मियों ने घर का दरवाजा खटखटाया। परवेज ने खुद दरवाजा खोला, जिसके तुरंत बाद पुलिस ने उन्हें बिना देर किए हिरासत में ले लिया। पड़ोसियों के अनुसार, पुलिस की कार्रवाई इतनी अचानक हुई कि कोई समझ ही नहीं पाया कि मामला क्या है। परिवार का कहना है कि उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि परवेज को कहां ले जाया जा रहा है।
परिवार की चिंता और चोटिल हाथ का दर्द
परवेज के पिता दिलावर उर्फ़ दिल्ला ने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान उनके बेटे के हाथ में जोरदार दर्द हुआ, क्योंकि तीन महीने पहले हुए रोड एक्सीडेंट में उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया था और ऑपरेशन भी हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने न तो मेडिकल सहायता दी और न ही यह बताया कि जांच किस स्तर पर चल रही है। दिलावर का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद से परिवार को परवेज की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, जिससे वे बेहद चिंतित हैं।
रिज़वान की भूमिका और बढ़ते सवाल
सूत्रों के अनुसार, परवेज को हिरासत में लेने से पहले पुलिस ने रिज़वान खान एडवोकेट से पूछताछ की थी। उसी दौरान reportedly रिज़वान को फोन करवाकर परवेज को तलब किया गया। इसके बाद देर रात परवेज को भी पकड़ लिया गया। लगातार दो वकीलों के पकड़े जाने से मामला और भी संवेदनशील हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर आरोप सही हैं तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यदि आरोप गलत साबित होते हैं तो इस पूरे घटनाक्रम की गहन जांच होनी चाहिए ताकि निर्दोष लोगों पर दाग न लगे।
