दिल्ली की शाम आम दिनों की तरह थी — भीड़, ट्रैफिक और रोज़मर्रा की भागदौड़। लेकिन सोमवार को घड़ी ने जैसे ही 6 बजकर 55 मिनट का समय दिखाया, राजधानी की हवा में एक ऐसा धमाका गूंजा जिसने पूरे देश को हिला दिया। लाल किला के पास स्थित लाल बत्ती पर एक सफेद रंग की गाड़ी अचानक रुकती है, और कुछ ही पल में आग की लपटें आकाश छूने लगती हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले एक तेज़ आवाज़ आई, फिर गाड़ियों के शीशे चटकने लगे और लोग चीखते हुए इधर-उधर भागने लगे।
धमाका इतना ज़ोरदार था कि लाल किला मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर 1 और आसपास की दुकानों के शीशे चकनाचूर हो गए। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, इस हादसे में कम से कम 9 लोगों की मौत और 20 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। मौके पर फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम तुरंत पहुंची और घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और एनएसजी, एनआईए व दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम जांच में जुटी है।
कई चश्मदीदों ने बताया कि गाड़ी के अंदर से तेज़ धुएं की बदबू आ रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे कोई ज्वलनशील पदार्थ अंदर रखा गया हो। कुछ ही सेकंड में आसपास खड़ी दो और गाड़ियाँ भी आग की चपेट में आ गईं।
क्या यह केवल हादसा था या किसी बड़ी साज़िश का हिस्सा? — यही सवाल अब पूरे देश के सामने है।
चीन की प्रतिक्रिया: ‘हम स्तब्ध हैं’
इस धमाके पर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया ने हैरानी जताई है। भारत के पड़ोसी और “रणनीतिक मित्र” कहे जाने वाले चीन ने भी इस घटना पर बयान जारी किया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा – “हम दिल्ली में हुए धमाके से बेहद स्तब्ध हैं। हम मृतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। हमारे पास यह जानकारी है कि इस घटना में कोई भी चीनी नागरिक प्रभावित नहीं हुआ है।”
चीन की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा मसले पर तनाव चरम पर है, और क्षेत्रीय राजनीति में हर बयान को बड़ी बारीकी से देखा जाता है। चीन का यह “शॉक” बयान इस घटना को अंतरराष्ट्रीय महत्व दे रहा है। कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि यह बयान एक “सौम्य सहानुभूति” दिखाने के साथ-साथ भारत के भीतर के हालात पर भी नजर रखने का संकेत है।
जांच के केंद्र में: 2,900 किलो विस्फोटक का सुराग
धमाके की जांच कर रही टीमों का ध्यान अब कुछ दिन पहले फरीदाबाद में पकड़े गए 2,900 किलो विस्फोटक और हथियारों के जखीरे की ओर गया है। जांच एजेंसियों को शक है कि दोनों घटनाओं का कोई न कोई तार जुड़ा हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के पास एक सफेद वैन के बारे में इनपुट थे, लेकिन धमाका इतनी अचानक हुआ कि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धमाके में इस्तेमाल की गई गाड़ी को अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। शुरुआती जांच में गाड़ी के अंदर विस्फोटक पदार्थ और पेट्रोल-डीजल मिश्रित तरल के निशान मिले हैं। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट किया गया या टाइमर डिवाइस से।
राजधानी के अन्य प्रमुख इलाकों — कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, करोल बाग और आईएसबीटी — में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मेट्रो स्टेशनों पर चेकिंग सख्त कर दी गई है और ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
लाल किला और सुरक्षा का सवाल
लाल किला न सिर्फ दिल्ली का ऐतिहासिक प्रतीक है बल्कि भारत की पहचान का प्रतीक भी है। यहां हर साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।
ऐसे में, इस इलाके में किसी भी तरह का धमाका केवल एक सुरक्षा चूक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा सवाल है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह हमला योजनाबद्ध निकला, तो यह देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी की घंटी साबित हो सकता है।
दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। शुरुआती फुटेज में एक व्यक्ति गाड़ी चलाता दिख रहा है, जिसे अब “डॉ. उमर” के नाम से पहचाना जा रहा है — यह व्यक्ति कथित तौर पर आतंक से जुड़े नेटवर्क से संबद्ध बताया जा रहा है।
हालांकि, पुलिस अभी इस पहचान की आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है।
