Maharashtra Scam: महाराष्ट्र में फर्जी IAS अधिकारी बताकर महीनों तक नेताओं, कारोबारियों और प्रतिष्ठित लोगों को चूना लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी महिला कल्पना भागवत ने खुद को केंद्र सरकार के उच्च अधिकारी से जुड़े होने का दावा किया और इसी आधार पर लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठ लिए। पुलिस जांच में उजागर हुआ है कि कल्पना भागवत लंबे समय से पद्मश्री पुरस्कार, राज्यसभा की सीट, और बड़े-बड़े सरकारी तबादलों का लालच देकर कई प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फंसाती रही।
छत्रपति संभाजीनगर में दर्ज मामले के बाद जब जांच आगे बढ़ी, तो सामने आया कि ठगी का नेटवर्क केवल एक शहर तक सीमित नहीं था बल्कि अमरावती, हिंगोली, अहिल्यानगर और नागपुर तक फैला था। यह महिला अलग-अलग नेताओं से बड़ी-बड़ी सिफारिशें करवाने और सरकारी विभागों में काम निकलवाने का वादा करके पैसे लेती थी। कई पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि कल्पना भागवत बेहद आत्मविश्वास के साथ खुद को शीर्ष अफसर साबित करती थी और सरकारी दफ्तरों की अंदरुनी जानकारी ऐसे बताती थी जैसे वह वाकई किसी बड़े पद पर काम कर रही हो।
दिल्ली कनेक्शन और फर्जी सरकारी लेटर से खुली पोल
पुलिस को अब जो सबसे बड़ा सुराग मिला है, वह एक फर्जी सरकारी पत्र है, जिस पर केंद्र के ऊर्जा मंत्रालय के सचिव का नाम और मुहर लगी हुई थी। इसी फर्जी दस्तावेज को दिखाकर वह नेताओं को भरोसे में लेती थी कि वह मंत्रालय में बैठकों में शामिल हुई है और उच्च स्तर पर उसकी पहुंच है। जांच में खुलासा हुआ कि कल्पना भागवत कई बार जयपुर और दिल्ली भी गई थी। दिल्ली में उसने न केवल मंत्रालयों में जाने का दावा किया, बल्कि कई लोगों को यह कहकर प्रभावित करती रही कि गृह मंत्रालय और पावर मिनिस्ट्री में उसके “खास संपर्क” हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी के साथ डिंपी हरजाई नाम का व्यक्ति भी शामिल था, जो दिल्ली में एक वरिष्ठ अधिकारी का ड्राइवर है। डिंपी नेताओं को “राज्यसभा की सिफारिश” और “पद्मश्री की फाइनल लिस्ट” जैसी झूठी बातें बताता था। दोनों मिलकर नेताओं से मोटी रकम वसूलते और इस रकम का इस्तेमाल आलीशान लाइफस्टाइल में करते थे। पुलिस ने अब तक 28 लोगों को नोटिस भेजकर बयान दर्ज किए हैं, जिनमें नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति का नाम भी शामिल है।
पांच सितारा होटल में महीनों का ठाठ–बाट और संदिग्ध रिश्ते
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि कल्पना भागवत पिछले लगभग छह महीनों से एक महंगे पांच सितारा होटल में रह रही थी। इस होटल में उसका रोज़ का किराया लगभग 7000 रुपये से भी अधिक था। इसके बावजूद वह बिना किसी स्थायी नौकरी के अलग-अलग लोगों से ठगी कर जमा किए गए पैसों पर आलीशान ज़िंदगी जीती रही।
पुलिस की पड़ताल में एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया कि कल्पना भागवत एक लिव-इन रिलेशनशिप में रहती थी। उसका बॉयफ्रेंड अफगानिस्तान मूल का बताया जा रहा है और वह उससे करीब 10 साल छोटा है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि उसके बॉयफ्रेंड की मां और भाई पाकिस्तान में रहते हैं, जिससे मामला और गंभीर हो गया है। यह भी जांच का विषय है कि कहीं यह गिरोह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं, या फिर विदेशों में भी उनकी किसी प्रकार की संलिप्तता है।
नेताओं से लेकर प्रोफेसरों तक—सभी उसके झांसे में आए
कल्पना भागवत ने खुद को केवल प्रशासनिक अधिकारी तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसने खुद को “बेस्ट IAS अधिकारी” का प्रमाणपत्र भी कई लोगों को दिखाया। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि यह सर्टिफिकेट उसने किसी तरह बनवाया या वाकई किसी ने उसे बेवकूफ़ी में दे दिया।
दावा किया जा रहा है कि उसने कई ऐसे लोगों को वीजा दिलाने, विदेश यात्रा की मंजूरी लेने और बड़े अधिकारियों के तबादले करवा देने का लालच दिया। इन सभी दावों पर विश्वास कर कई नेताओं ने उसके साथ मीटिंगें कीं और कुछ ने तो अग्रिम भुगतान भी कर दिया। जैसे-जैसे पुलिस गहराई में जा रही है, वैसे-वैसे ठगी का दायरा बढ़ता जा रहा है।
फिलहाल पुलिस ने कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और होटल के रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम इस ठगी के शिकार के रूप में सामने आ सकते हैं।
