दिल्ली में हुए हालिया आतंकी हमले की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि आतंकियों का निशाना सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि देश के चार बड़े शहर थे। सूत्रों के अनुसार, इन आतंकियों ने चार अलग-अलग ग्रुप बनाकर एक ही समय पर सीरियल ब्लास्ट की योजना तैयार की थी। इस हमले का उद्देश्य देशभर में डर और अफरातफरी फैलाना था। जांच में पता चला है कि सभी ग्रुप्स के पास पहले से ही IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) तैयार थे, जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर प्लांट करने की तैयारी थी।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरुआती कार्रवाई में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि दोनों को सीमा पार से आदेश मिले थे। इन्हें राजधानी में ब्लास्ट से पहले कई महत्वपूर्ण लोकेशनों की रेकी करने का काम सौंपा गया था। इनके मोबाइल और लैपटॉप से मिली जानकारी ने जांच एजेंसियों को चौंका दिया। डिजिटल फॉरेंसिक जांच में सामने आया कि आरोपियों के संपर्क कई राज्यों में फैले हुए नेटवर्क से थे। वहीं, एक अन्य टीम ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
IED बनाने में इस्तेमाल हुआ हाई-ग्रेड विस्फोटक
जांच एजेंसियों के मुताबिक, बरामद IED में जो सामग्री इस्तेमाल की गई थी, वह सामान्य विस्फोटक नहीं थी। यह हाई-ग्रेड विस्फोटक था, जिसे विदेशी तकनीक के आधार पर तैयार किया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी सटीक तकनीक का इस्तेमाल केवल प्रशिक्षित आतंकियों द्वारा ही किया जा सकता है। बरामद IED की जांच NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम ने अपने कब्जे में ले ली है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इसमें पाकिस्तान या अफगानिस्तान स्थित आतंकी मॉड्यूल का हाथ हो सकता है।
सोशल मीडिया और क्रिप्टो से हो रही थी फंडिंग
एक और बड़ा खुलासा यह हुआ है कि इस पूरी आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए फंडिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए की गई थी। आरोपियों ने Telegram और Dark Web के माध्यम से अपने स्लीपर सेल्स से संपर्क बनाए रखा था। जांच में सामने आया है कि कुछ फर्जी अकाउंट्स के जरिए देश के भीतर ही छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन किए जा रहे थे, ताकि किसी को शक न हो। एजेंसियों ने उन सभी खातों को फ्रीज कर दिया है जिनका संबंध इस नेटवर्क से है।
इस खुलासे के बाद गृह मंत्रालय ने देश के सभी मेट्रो शहरों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। रेलवे स्टेशन, मेट्रो, एयरपोर्ट और प्रमुख सरकारी इमारतों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस ने भी रात भर कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। इसके अलावा, NIA और IB की टीमें मिलकर अब उस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पता लगा रही हैं, जिसने भारत में इस साजिश को अंजाम देने की योजना बनाई थी। सूत्रों के मुताबिक, कुछ विदेशी नंबरों से भारत में कॉल और मैसेज आने के सबूत भी मिले हैं।
खुफिया एजेंसियों ने पहले ही दी थी चेतावनी
खुफिया सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में ही संभावित आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। हालांकि उस वक्त कोई ठोस सबूत नहीं था, लेकिन अब सामने आए डिजिटल दस्तावेजों ने उस चेतावनी को सही साबित कर दिया है। जांच टीमें अब यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि आखिर किसके इशारे पर इस हमले की पूरी रणनीति बनाई गई थी और क्या इसका कोई लिंक किसी बड़े आतंकी संगठन से है।
अब तक आठ संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कुछ अब भी फरार बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार लोगों में चार को दिल्ली से, दो को उत्तर प्रदेश से और दो को महाराष्ट्र से पकड़ा गया है। सभी से लगातार पूछताछ जारी है। सूत्रों का दावा है कि इनकी गिरफ्तारी से आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
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