Nahid Isam: बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया गया था। इसी आरक्षण के विरोध में इस वक्त बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहे हैं। बांग्लादेश में 2 महीने पहले आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया। एक लड़के की वजह से ही बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। उसकी उम्र सिर्फ 26 साल की बताई जा रही है। नाहिद इस्लाम नाम के लड़के की वजह से ही इतना बवाल मच गया और पीएम शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा। नाहिद इस्लाम एक स्टूडेंट लीडर है और बांग्लादेश में हो रहे आंदोलन का चेहरा है।
कौन है नाहिद इस्लाम?
नाहिद इस्लाम छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स एगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ का कोऑर्डिनेटर है। नाहिद इस्लाम मौजूदा समय में ढाका यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र विभाग के स्टूडेंट हैं। उन्हें मानवाधिकार रक्षक के रूप में उनके काम के लिए जाना जाता है। इस प्रदर्शन के जरिए वह बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे थे। नाहिद इस्लाम हमेशा से शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के खिलाफ रहे हैं। सहवाग में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि छात्रों ने आज लाठी उठाई है’ और अगर लाठी काम नहीं करती है तो वह हथियार उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आवाज शुरू हुआ आंदोलन
यहां आंदोलन तक शुरू हुआ जब बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जून 2024 में 1971 युद्ध के दिग्गजो और स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30% कोटा देने का फैसला सुनाया था। 19 जुलाई 2024 को नाहिद इस्लाम को साबुजबाग के एक घर से सादे कपड़ों में आए कम से कम 25 लोगों ने उठा लिया उनकी आंखों पर पट्टी और हाथ में हथकड़ी लगाकर विरोध प्रदर्शन में उनकी भागीदारी के बारे में बार-बार पूछताछ की गई। उसके बाद उन्हें बेहोश और घायल अवस्था में छोड़ दिया गया फिर 26 जुलाई 2024 को उन्हें अस्पताल से दूसरी बार उठा लिया गया। नाहिद ने दावा किया कि आंदोलन खत्म कराने को लेकर उनसे वीडियो भी बनवाए गए।
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