गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका ने 408 रनों से हराकर एक ऐसा रिकॉर्ड कायम कर दिया, जिसे भारतीय क्रिकेट लंबे समय तक भूल नहीं पाएगा। यह अंतर रनों के हिसाब से भारत की घरेलू सरजमीं पर अब तक की सबसे बड़ी हार है। मैच की शुरुआत से ही भारतीय टीम दबाव में नजर आई और लगातार विकेट गंवाते हुए बड़ी चुनौती खड़ी नहीं कर सकी। सीरीज पहले ही 0-1 से पीछे चल रही भारतीय टीम के पास बराबरी का मौका था, लेकिन खराब बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी के कारण टीम ने यह मौका गंवा दिया।
दक्षिण अफ्रीका का दमदार प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका की टीम शुरुआत से ही इस मैच में हावी रही। गेंदबाज़ों ने भारतीय बल्लेबाज़ों को शुरुआत से दबाव में रखा और बड़े स्कोर की इजाजत नहीं दी। उनकी बल्लेबाज़ी भी शानदार रही और उन्होंने पहले दिन से ही मैच का रुख अपने पक्ष में मोड़ लिया। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज़ों ने भारतीय गेंदबाज़ों को खूब थकाया और बड़े रन बनाए, जिससे भारत के सामने विशाल लक्ष्य खड़ा हो गया। उनके हर खिलाड़ी ने टीम के लिए योगदान दिया, जो इस जीत की बुनियाद बना।
भारत की बल्लेबाज़ी पूरी तरह फ्लॉप
भारतीय बल्लेबाज़ी इस मैच में बुरी तरह लड़खड़ा गई। न तो टॉप ऑर्डर टिक पाया और न ही मिडिल ऑर्डर मजबूती दे सका। महत्वपूर्ण मौकों पर विकेट गिरते रहे और रन बनाने की रफ्तार भी सुस्त रही। कुछ खिलाड़ियों ने शुरुआत तो की, लेकिन उसे बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। विपक्षी गेंदबाज़ों ने भारतीय बल्लेबाज़ों को आउट करने का कोई मौका नहीं छोड़ा और लगातार दबाव बनाए रखा। भारत की पूरी टीम ऐसे समय धराशायी हुई जब टीम को संयम और अनुभव दिखाने की जरूरत थी।
सीरीज में 0-2 से हार और आगे की चिंता
इस हार के साथ भारत दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-2 से पिछड़ गया और उसे क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा। यह हार सिर्फ एक मैच का नतीजा नहीं, बल्कि टीम की तैयारी, रणनीति और आत्मविश्वास में आई कमी को भी दर्शाती है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि टीम को बल्लेबाज़ी क्रम से लेकर गेंदबाज़ी संयोजन तक कई बदलावों की जरूरत है। आगामी सीरीज को देखते हुए भारतीय टीम को जल्द ही नए प्लान और बेहतर प्रदर्शन के साथ वापसी करनी होगी, वरना भविष्य के बड़े टूर्नामेंट में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
