Mahila Naga Sadhu Niyam: साधु संतों की एक बिरादरी है नागा साधुओं की। नागा साधु के नाम से ही जाहिर है कि वह निर्वस्त्र रहते हैं। नागा साधुओं के बहुत ही कड़े नियम होते हैं। पुरुष नागा साधु की तरह महिला नागा साधु भी होती है महिला नागा साधु बनने के लिए उन्हें कई सारे नियम अपनाने पड़ते हैं। लेकिन महिला नागा साधु के थोड़े नियम अलग होते हैं। आईए जानते हैं कि महिला नंगा साधु कैसे रहती है और उनके क्या नियम होते हैं।
निर्वस्त्र रहता है महिला नागा साधु?
पुरुष नागा साधु निर्वस्त्र रहते हैं। पुरुषों की तरह महिला नागा साधु निर्वस्त्र नहीं रहती बल्कि वह गेरुए रंग का एक वस्त्र धारण करती हैं। जो बिना शीला होता है इसे गंती कहती हैं। साथ ही तिलक लगाती है और जटाएं धारण करती हैं। महिला नागा साधु बनने से पहले परीक्षा के तौर पर 6 से 12 साल तक सख्त ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।
महिला नागा साधुओं के बेहद कड़े होते हैं नियम
महिला नागा साधुओं को दीक्षा लेने से पहले अपना सर मुड़वाना पड़ता है दुनिया से दूर रहकर तप करना पड़ता है। इसके लिए महिला नागा साधु बनने से पहले महिला सन्याशिनी को सारे सांसारिक बंधन तोड़ने पड़ते हैं। हर पहलू पर आंका जाता है ताकि यह समझ जा सके कि वह इस कठिन रास्ते पर चलने के लिए तैयार है कि नहीं। नागा साधु बनने से पहले इन महिलाओं को कठिन तप साधना करनी पड़ती है। इसके लिए उसे जीते जी अपना पिंडदान भी करना पड़ता है। हिंदू धर्म में पिंडदान करने के बाद किया जाता है। महिला नागा साधु हमेशा दुनिया से दूर एकांत में रहती है और कुंभ में पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए आती हैं।
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