भारतीय क्रिकेट टीम के चयन को लेकर इस बार बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। टीम इंडिया की सिलेक्शन कमेटी ने हाल ही में India A cricket team के लिए स्क्वाड का ऐलान किया, जिसमें धाकड़ बल्लेबाज Sarfaraz Khan को एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया। इसी को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद Asaduddin Owaisi भड़क उठे। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सवाल दागते हुए लिखा— “सरफराज खान को इंडिया-ए के लिए भी क्यों नहीं चुना गया?”
ओवैसी के इस ट्वीट के बाद मामला और गरमा गया। कुछ लोगों ने ओवैसी के बयान का समर्थन किया तो कई यूज़र्स ने इसे सिलेक्शन प्रक्रिया पर ‘धार्मिक रंग’ देने की कोशिश बताया। वहीं क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिलेक्शन केवल फिटनेस और परफॉर्मेंस पर निर्भर होना चाहिए।
सोशल मीडिया पर ‘मुस्लिम एंगल’ छाया
जैसे ही ओवैसी का बयान सामने आया, सोशल मीडिया पर हजारों कमेंट्स की बाढ़ आ गई। कई फैंस का कहना था कि सरफराज को उनकी धर्म पहचान की वजह से बार-बार टीम से बाहर रखा जा रहा है। कुछ यूज़र्स ने लिखा— “इतनी परफॉर्मेंस के बाद भी अगर मौका नहीं मिलेगा तो आखिर कब मिलेगा?” वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने कहा कि सरफराज पर पहले ड्रेसिंग रूम से टीम की बातें लीक करने के आरोप लगे थे, इसलिए उन्हें मौका नहीं मिल रहा।
इस बीच क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि सरफराज घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे हैं, इसलिए उन्हें नजरअंदाज करना चयन नीति पर सवाल खड़े करता है। उनका कहना है कि अगर परफॉर्मेंस ही पैमाना है, तो सरफराज को मौका मिलना चाहिए।
अब न फिटनेस का खतरा, न फॉर्म की चिंता
कभी वजन और फिटनेस को लेकर सवालों में घिरे रहने वाले सरफराज खान अब पूरी तरह बदले हुए नजर आते हैं। उन्होंने हाल के महीनों में करीब 17 किलो वजन घटाया है और शानदार बल्लेबाजी से कई बार चयनकर्ताओं को प्रभावित भी किया है। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने ताबड़तोड़ रन बनाए हैं और चयन के लिए खुद को पूरी तरह तैयार दिखाया है।
फैंस और कई क्रिकेट प्रेमियों का कहना है कि अब जब फिटनेस और फॉर्म कोई बाधा नहीं है, तो फिर उन्हें मौका क्यों नहीं दिया जा रहा? यही वह सवाल है जिसने इस पूरे मामले को सस्पेंस और विवाद से भर दिया है। अब देखना होगा कि चयनकर्ताओं की अगली चाल क्या होती है और क्या सरफराज को आखिरकार टीम इंडिया में जगह मिल पाएगी या नहीं।
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