Friday, November 14, 2025

Bhai Dooj 2025: दीपक बुझना क्यों माना जाता है अशुभ? जानें इस रहस्यमयी मान्यता और शुभ उपायों का रहस्य!

भाई दूज का त्योहार इस बार 26 अक्टूबर 2025 को पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा. यह दिन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है, जब बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए यमराज और यमुना की पूजा करती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर आरती करती हैं और दीपक जलाकर भगवान यमराज से रक्षा की कामना करती हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर पूजा के समय दीपक अचानक बुझ जाए, तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है? कई पौराणिक ग्रंथों में इस स्थिति को एक चेतावनी के रूप में बताया गया है, जो कुछ महत्वपूर्ण बातों की ओर संकेत करती है.

दीपक बुझने के पीछे की धार्मिक कथा

शास्त्रों के अनुसार, दीपक सिर्फ रोशनी का स्रोत नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन के प्रकाश का प्रतीक है. भाई दूज के दिन जब दीपक जलाया जाता है, तो वह यमराज को प्रसन्न करने और बुरे समय को दूर करने का प्रतीक माना जाता है.
मान्यता है कि दीपक का अचानक बुझना यह दर्शाता है कि पूजा में कोई त्रुटि रह गई है, या फिर नकारात्मक ऊर्जा वातावरण में सक्रिय है. इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए.
कुछ मान्यताओं के अनुसार, उस क्षण यमदेव की उपस्थिति का भी संकेत मिलता है, जो बहन और भाई दोनों की परिक्षा लेते हैं कि उनका प्रेम कितना सच्चा है.

दीपक बुझ जाए तो करें ये उपाय

अगर भाई दूज के समय आपका दीपक अचानक बुझ जाए, तो घबराने की जरूरत नहीं है. प्राचीन परंपरा के अनुसार, कुछ सरल उपायों से इस अशुभता को दूर किया जा सकता है —

1. तुरंत एक नया दीपक जलाएं और यमराज के नाम का मंत्र “ॐ यमाय नमः” का 11 बार जाप करें।

2. बहन को चाहिए कि वह आरती दोबारा करे और भगवान यमराज से क्षमा याचना करे।

3. घर में अगर हवा तेज हो, तो दीपक को उत्तर दिशा की दीवार के पास रखें, ताकि अग्नि तत्व स्थिर रहे।

4. भाई दूज के दिन कोई भी बुरा विचार मन में न लाएं और सच्चे मन से पूजा करें।

दीपक और यमराज का गहरा रिश्ता

पुराणों में उल्लेख है कि यमराज और यमुना भाई-बहन थे. यमुना ने जब अपने भाई यमराज को घर बुलाया और आरती कर तिलक लगाया, तो यमराज इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने वचन दिया —
“जो भी इस दिन बहन से तिलक करवाएगा, उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा।”
इसीलिए दीपक इस दिन अमरता और सुरक्षा का प्रतीक बन जाता है. जब दीपक बुझता है, तो ऐसा माना जाता है कि यह भाई की रक्षा चक्र में अस्थिरता का संकेत है. इसलिए इस दिन दीपक को अंत तक जलाए रखना शुभ माना गया है.

भाई दूज 2025: ध्यान रखने योग्य बातें

पूजा के दीपक में तिल का तेल या घी का ही प्रयोग करें।

दीपक को घर के मुख्य द्वार या पूजा स्थान के दक्षिण दिशा में रखें।

दीपक जलाने से पहले मन में भगवान यमराज और यमुना का स्मरण करें।

दीपक बुझ जाए तो उसे फूंक से नहीं जलाएं, बल्कि नया दीपक जलाकर पूजा पुनः शुरू करें।

 

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