PM Modi On Manipur Viral Video: मणिपुर में हुए हिंसा वाले वीडियो के वायरल होने के बाद पीएम मोदी ने अपने बयान जारी किया है. पीएम मोदी ने संसद सत्र के पहले मीडिया से बातचीत करते हुए बोला कि यह घटना से वह बहुत दुखी हैं और इस मामले में दोषियों को बिल्कुल भी छोड़ा नहीं जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि “आज जब लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं, तब मेरा मन क्रोध और पीड़ा से भरा हुआ है, किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, वो अपनी जगह पर है, लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.”
मुख्यमंत्रियों से की अपील
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सभी मुख्यमंत्रियों की अपील है कि वह अपने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करें. ये घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या फिर मणिपुर की ही क्यों ना हो? कानून व्यवस्था कायम करें. जहां पर नारी का सम्मान किया जाए. किसी भी गुनाहगार को छोड़ा नहीं जाएगा. मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ उसको कभी माफ नहीं किया जा सकता.
सावन का महीना चल रहा है इस बार तो डबल सावन है इसीलिए सावन की अवधि भी थोड़ी अधिक है. सावन मास के पवित्र कार्यों के लिए अति उत्तम माना जाता है. आज जब लोकतंत्र के मंदिर में सावन के पवित्र मास में सब लोग मिल रहे हैं. लोकतंत्र का मंदिर ऐसे पवित्र कार्य करने के लिए इससे बढ़िया अवसर नहीं हो सकता है.
संसद सत्र पर पीएम मोदी के विचार
पीएम मोदी ने कहा कि उनको इस बात का विश्वास है कि सभी सांसद मिलकर इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे संसद की जो भी जिम्मेदारी है और संसद में हर सांसद की जो जिम्मेवारी है ऐसे अनेक कानूनों का बनाना उस पर विस्तार से चर्चा करना जरूरी है. चर्चा जितनी ज्यादा अधिक होती है. उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं.
संसद में जो सांसद रहते हैं, वह धरती से जुड़े हुए होते हैं. जनता के दुख और दर्द को समझने वाले होते हैं. चर्चा यह है कि उनकी ओर से जुड़े हुए विचार यहां आते हैं. चर्चा समृद्ध होती है, तो निर्णय भी परिणामकारी हो जाते हैं.
यह सत्र बहुत जरूरी है. इस सत्र में जो भी बिल लाए जा रहे हैं. वह सीधे सीधे जनता के हितों से जुड़े हुए हैं. युवा पीढ़ी डिजिटल वर्ल्ड का नेतृत्व कर रही है. उस समय डाटा प्रोटक्शन बिल देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास दिलाने वाला बिल है. विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला भी है. नेशनल रिसर्च फाउंडेशन नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक नया कदम है. सदन में गंभीरता से इन जिलों पर चर्चा करने वाले हैं और राष्ट्रीय हित के कार्यों को आगे बढ़ाएं.
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