Rahu Ketu Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। राहु और केतु को क्रूर ग्रह माना जाता है। जिस जातक की कुंडली में राहु और केतु के अशुभ प्रभाव होते हैं उनकी जिंदगी नरक बन जाती है। राहु के छाया ग्रह है। राहु -केतु के कुंडली में अशुभ स्थिति में कालसर्प दोष बनता है। शास्त्रों के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में दोष हो उसे व्यक्ति को हमेशा तनाव में रहना पड़ता है। अगर कुंडली में केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव है तो व्यक्ति को शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगते हैं। रींढ की हड्डी ,सिर दर्द ,जोड़ों में दर्द जैसी कई बीमारियां होने का खतरा रहता है। आईए जानते हैं इनसे बचने के उपाय क्या है।
राहु -केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब राहु और केतु के अशुभ प्रभाव हो तो शिवजी की पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमवार के दिन शिव जी को काले तिल, बेलपत्र ,गंगा जल चढ़ाएं और ओम नमः शिवाय मंत्र का पाठ करें। ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी और आपके सभी बिगड़े काम बनेंगे।
-राहु- केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए श्री कृष्ण की एक ऐसी तस्वीर लगाई। जिसमें वे शेष नाग के ऊपर नृत्य कर रहे हो और उनकी रोजाना पूजा करें और। इसी के साथ ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जब भी करें।
-राहु और केतु के दोष को कम करने के लिए नील और गुलाबी रंग के कपड़े धारण करने चाहिए। इसके अलावा रोजाना कुत्ते को रोटी खिलाना भी बहुत फायदेमंद है।
-वीरवार के दिन कन्याओं को हलवा पुरी खिलाने से भी आपके कष्ट दूर हो जाते हैं इसके बाद उनसे आशीर्वाद लें और फिर राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से आपको छुटकारा मिल जाएगा।
-शनिवार के दिन ज्योतिष की सलाह के बाद राहु रत्न गोमेद को धारण कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।UP varta news इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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