ट्रेन में सफर करना अपने आप में एक अलग अनुभव होता है, जहां लोग घर का बना खाना, स्टेशन की चाय और लंबी दूरी के बीच के दृश्य का मजा लेते हैं। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है, जिस ने ट्रेन यात्रा को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है। महाराष्ट्र की एक महिला का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह एसी कोच के अंदर इलेक्ट्रिक केतली में मैगी पकाती दिख रही है। यह वीडियो सामने आते ही कई प्लेटफॉर्म पर बहस शुरू हो गई कि आखिर ट्रेन में बिजली के ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं।
ट्रेन के एसी कोच में मौजूद पावर सॉकेट आमतौर पर मोबाइल, लैपटॉप या छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज करने के लिए दिए जाते हैं। वीडियो में देखा गया कि महिला ने सॉकेट में इलेक्ट्रिक केतली जोड़कर उसी में मैगी तैयार की। कुछ यात्रियों ने इसे एक ‘जुगाड़’ के रूप में देखा, तो कुछ लोगों ने इसे नियमों और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन बताया। इस घटना पर रेलवे प्रशासन का बयान सामने आने के बाद मामला और गंभीर हो गया।
रेलवे ने बताया नियमों के खिलाफ
वायरल वीडियो पर सेंट्रल रेलवे ने स्पष्ट रूप से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रेन में इलेक्ट्रिक केतली जैसे उपकरणों का उपयोग बिल्कुल गैरकानूनी है। रेलवे के अनुसार, एसी कोच के अंदर मौजूद पावर सॉकेट उच्च वॉटेज वाले उपकरणों के लिए नहीं बनाए जाते। इससे कोच की वायरिंग पर अतिरिक्त भार बढ़ सकता है, जिससे ओवरलोड, ओवरहीटिंग, और गंभीर मामलों में शॉर्ट सर्किट या आग लगने का खतरा भी हो सकता है।
Action is being initiated against the channel and the person concerned.
Using electronic kettle inside trains is strictly prohibited.
It is unsafe, illegal, and a punishable offence. It can lead to fire incidence and be disastrous for other passengers also.
May also cause… https://t.co/di9vkxrDLv— Central Railway (@Central_Railway) November 21, 2025
रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि ट्रेन की सुरक्षा एक प्राथमिकता है और यात्रियों द्वारा ऐसे उपकरणों का उपयोग न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि पूरे कोच को जोखिम में डालता है। इस मामले में महिला के खिलाफ उचित कार्रवाई किए जाने की बात भी कही गई है। अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि ऐसी किसी भी गतिविधि को तुरंत ट्रेन स्टाफ या रेलवे हेल्पलाइन को रिपोर्ट करें।
सोशल मीडिया पर उठा सवाल
जहां एक ओर वीडियो देखने वालों का बड़ा हिस्सा इसे खतरनाक बता रहा है, वहीं कुछ यात्रियों ने रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठाए हैं। कई लोगों ने पूछा कि यदि लैपटॉप और मोबाइल जैसी चीजें ट्रेन में आसानी से चार्ज हो सकती हैं, तो फिर एक इलेक्ट्रिक केतली को इतना बड़ा खतरा क्यों माना जा रहा है? कुछ यूज़र्स ने तर्क दिया कि स्टेशन पर सुरक्षा जांच इतनी मजबूत क्यों नहीं है कि ऐसे उपकरण अंदर लाए ही न जा सकें।
एक यूजर ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “यदि रेलवे को केतली का इस्तेमाल इतना असुरक्षित लगता है, तो उसकी एंट्री पर ही रोक क्यों नहीं लगाई जाती?” दूसरी तरफ कुछ लोग मानते हैं कि ट्रेन के अंदर खाना पकाना किसी भी परिस्थिति में सुरक्षित नहीं हो सकता और यात्रियों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस तरह के उपकरणों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
इस चर्चा ने यह साफ कर दिया है कि यात्रियों के बीच ट्रेन में नियमों को लेकर जागरूकता अभी भी कम है और उन्हें यह समझना जरूरी है कि थोड़ी-सी लापरवाही भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
सोशल मीडिया पर बहस के बीच कुछ लोगों ने यह भी कहा कि ट्रेन सफर का मजा तभी तक है, जब तक हर कोई नियमों का पालन करे। रेलवे प्रशासन और यात्रियों के बीच संवाद बढ़ाने की जरूरत भी महसूस की गई है, ताकि ऐसे मामलों से बचा जा सके।
