गाजियाबाद। कोरोना महामारी के बीच गाजियाबाद जिले में स्वाइन फ्लू के तीन मरीजों की पुष्टि की गई है। तीनों मरीज कौशांबी स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से केवल एक मरीज की पुष्टि की जा रही है। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने तीनों मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की है। इस साल जिले में पहली बार स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। स्वाइन फ्लू का खतरा बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में ज्यादा रहता है। वहीं विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की संभावना जताई जा रही है।
गौरतलब है कि स्वाइन फ्लू के तीनों मरीजों की उम्र 45 साल से भी कम है। कोरोना संक्रमण के बाद अब स्वाइन फ्लू (एच 1 एन 1) के मरीज भी सामने आने शुरू हो गए हैं। जिले में स्वाइन फ्लू के तीन नए मरीज मिले हैं। कोरोना से निपटने में स्वास्थ्य विभाग लगा हुआ था। वहीं स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने पर विभाग में हड़कंप मच गया है। जिले में रहने वाले तीनों मरीज कौशांबी के यशोदा अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पताल प्रबंधन की ओर से तीनों मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की गई। अस्पताल के फिजिशियन डॉ. एपी सिंह ने बताया कि मौसम में आए बदलाव की वजह से मौसमी फ्लू घर-घर जा पहुंचा है। अस्पताल की ओपीडी में फ्लू के मरीज रोज बढ़ रहे हैं।
इस समय चिकित्सकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है लक्षण को पहचानकर इलाज करना है। उन्होंने बताया कि कोरोना, स्वाइन फ्लू और मौसमी फ्लू के अधिकांश लक्षण एक जैसे ही हैं। बढ़ते हुए स्वाइन फ्लू को देखकर संदिग्ध मरीजों की स्वाइन फ्लू और कोरोना की जांच की जा रही है। अस्पताल में भर्ती तीनों मरीजों का उपचार किया जा रहा है। हालांकि अभी तीनों मरीज की तबियत खतरे से बाहर हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मानसून में विभिन्न संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। स्वाइन फ्लू और डेंगू इसी मौसम में आती है। जिले में पिछले साल स्वाइन फ्लू के सात मरीज मिले थे।
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