फतेहपुर। जिले में बब्बू का डेरा मजरे सरकंडी निवासी बेटन की पत्नी शिवकली बीते रविवार को जंगल जाते समय अचानक कीचड़ में फिसल कर गिर गईं थीं। कमर और शरीर में कई जगह चोट आने पर परिजनों ने एंबुलेंस को काल किया। कच्चे और दलदल रास्ते की जानकारी पर चालक ने गांव तक आने से मना करते हुए सात किमी दूरी मनावा गांव के पास एंबुलेंस खड़ी कर दी। मजबूरन बेटों और परिजनों ने शिवकली को चारपाई पर लिटाया और भागकर एंबुलेंस तक पहुंचे, उनको डर था देर होने पर एंबुलेंस वहां से भी न चली जाए।
बेटे राममिलन ने बताया कि गांव तक पक्का रास्ता नहीं होने के कारण एंबुलेंस औऱ अन्य वाहन नहीं पहुंच पाते, इसलिए मां को चारपाई पर लिटा कर करीब सात किमी तक ले जाना पड़ा। उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डाक्टर ने कमर में फैक्चर बताकर इलाज कर रहे हैं। गौरतलब है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते 30 जुलाई को एक जरूरी बैठक बुलायी थी। बैठक में निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण अगर किसी की असमय मृत्यु की दु:खद घटना की सूचना मिली, तो दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में मरीजों और तीमारदारों को मुसीबतों का सामना न करना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में मरीजों को समय से एंबुलेंस की सेवा मिले, इसके लिए मुख्यमंत्री ने एम्बुलेंस की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं। बैठक में सीएम ने यह भी कहा था कि किसी भी हाल में मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न न हो इस बात का ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री लापरवाही करने वाले कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये थे।
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