लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब डिजीटल दुनिया से भी गांव के उत्पाद को बेचेगी। दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलम) के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में गरीब महिलाओं को उत्थान के लिए गठित स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री अब फ्लिपकार्ट के माध्यम से की जाएगी। इस योजना के लिए केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय का फ्लिपकार्ट के साथ अनुबंध हो चुका है। इस अनुबंध के तहत पहले चरण में जल्द ही लखनऊ, वाराणसी व आगरा में गठित इन समूहों के उत्पादों के बिक्री शुरू की जाएगी। इससे लोगों को लाभ मिलेगा। इससे पहले अभी तक गांव और जिलों के उत्पादों को मात्र प्रदर्शनी और सीधे खरी से जनता तक पहुंचता था। अब तक इन समूहों के उत्पादों की बिक्री स्थानीय स्तर पर मेलों व प्रदर्शनियों में होती रही है। फ्लिपकार्ट से बिक्री शुरू होने से उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उत्पाद कर्ताओं को अधिक मूल्य भी मिलेंगे। गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
बिक्री के लिए इन तीनों शहरों में जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) को नोडल एजेंसी नामित किया गया है।
तीनों शहरों में शहरी आजीविका केंद्रों के माध्यम से उत्पादों की बिक्री की जाएगी। तीन जिलों के आसपास के 11-12 शहरों में गठित समूहों के उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री भी इन्हीं शहरों के आजीविका केंद्रों के माध्यम से की जाएगी। दूसरे चरण में अन्य शहरों को चुना जाएगा। कोषिष है कि गांव का उत्पाद सभी तक पहुंचेगा। ज्ञात हो कि पिछले दिनों ही इस बिक्री के लिए फ्लिपकार्ट के स्थानीय प्रतिनिधियों ने महिलाओं को प्रशिक्षण दिया था। प्रशिक्षण के दौरान लखनऊ, कानपुर नगर, बाराबंकी, सीतापुर, बहराइच, शाहजहांपुर, गोंडा, रायबरेली, प्रतापगढ़, अयोध्या, बस्ती और बरेली के समूहों के सदस्य प्रशिक्षण लेने पहुंचे थे।
इन उत्पादों को मिलेगा लाभ
लखनऊ की चिकनकारी, जरदोजी, हर्बल मसाले, हर्बल कॉस्मेटिक, बरेली के जरीवर्क, शाहजहांपुर के एपलिक वर्क, अयोध्या के फाइल कवर, कॉटन सूट, कानपुर नगर का लेदर बेल्ट, पर्स एवं आर्टीफिशियल ज्वेलरी, रायबरेली की हवन सामग्री एवं अन्य शहरों के उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाएगा। स्थानीय उत्पाद को बड़ा बाजार मिलेगा।
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