Friday, June 2, 2023

हाईकोर्ट के बयान पर सपा नेता की तीखी टिप्पणी, BJP डर से चुनाव टालने का खोज रही बहाना

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब है। विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं आदि करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं। रैलियों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सम्भव नहीं है।

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लखनऊ। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी चिंता जताई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी मोदी सरकार से एक दो महीने चुनाव टालने और प्रदेश में हो रही चुनावी जनसभाओं पर रोक लगाने की अपील की है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अनुरोधपूर्वक कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां रैलियों में भारी भीड़ एकत्र कर रही हैं। प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त चुनावी रैलियों पर कड़ाई से रोक लगाएं। राजनीतिक पार्टियों से कहा जाए कि वे चुनाव प्रचार इलेक्ट्रानिक माध्यम और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है। यह बातें जस्टिस शेखर कुमार यादव ने उत्तर गिरोहबंद कानून के तहत जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत मंजूर करते हुए कही।

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हाईकोर्ट के बयान बाद अब सियासी लाभ-हानि तलाशे जाने लगे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन कोई खतरनाक मामला नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए, किसी ने उन्हें अपील तो की नहीं थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसा क्यों निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जनता पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ है। इसलिए डर से चुनाव टालने बहाने ढूंढ रही है।

संजय यादव के खिलाफ प्रयागराज के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है। हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा कि आज इस न्यायालय के समक्ष लगभग चार सौ मुकदमें सूचीबद्ध है। नये मुकदमें इस न्यायालय के समक्ष सूचीबद्व होते हैं, जिसके कारण अधिक संख्या में अधिवक्ता उपस्थित होते हैं। कोर्ट परिसर सोशल डिस्टेंस नहीं होती है। अधिवक्ता आपस में सटकर खडे़ होते हैं। कोरोना के नए वैरियन्ट ओमिक्रॉन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं और तीसरी लहर आने की सम्भावना है।

चुनावी रैलियों को रोकें

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब है। विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं आदि करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं। रैलियों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सम्भव नहीं है। इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे। उत्तर प्रदेश में ओमिक्राॅन ने दस्तक दे दी है।

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